scriptSchool locked due to transfer, children came on foot to plead with col | ट्रांसफर से स्कूल में ताला, कलेक्टर के पास गुहार लगाने पैदल आए बच्चे | Patrika News

ट्रांसफर से स्कूल में ताला, कलेक्टर के पास गुहार लगाने पैदल आए बच्चे

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 20, 2023 09:43:43 pm

Submitted by:

manohar soni

प्राथमिक शाला भवन भी जर्जर, बच्चों ने एक स्वर में कहा-हमारा भविष्य अंधकारमय

ट्रांसफर से स्कूल में ताला, कलेक्टर के पास गुहार लगाने पैदल आए बच्चे
ट्रांसफर से स्कूल में ताला, कलेक्टर के पास गुहार लगाने पैदल आए बच्चे

छिंदवाड़ा.अमरवाड़ा विकासखण्ड के ग्राम कहवा के माध्यमिक स्कूल में शिक्षक के अभाव में ताला लगा दिया गया है तो वहीं प्राथमिक शाला भवन भी जर्जर हालत में कभी भी गिर सकता है। इस समस्या को लेकर स्कूल के बच्चे अपने अभिभावकों के साथ गुरुवार को पैदल कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रशासन को पूरी स्थिति से अवगत कराया।
सरपंच एवं उपसरपंच के साथ आए छात्र-छात्राओं ने कहा कि शासकीय माध्यमिक शाला कहवा में कक्षा 6 वीं से 8 वीं तक कुल 91 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है। वर्तमान शिक्षा सत्र मेें स्कूल के सभी शिक्षकों के ट्रांसफर कर दिए गए हैं। उनको यहां से रिलीव भी कर दिया गया है। बदले में एक भी शिक्षक की व्यवस्था नहीं की गई है। इससे शाला शिक्षक विहीन हो गई है। इससे अब शाला में ताला लग गया है। बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर अग्रसर हो गया है। उन्होंने यथाशीघ्र शिक्षकों की व्यवस्था करने की मांग की।
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बदहाल प्राथमिक स्कूल भवन, बारिश में गिरने की आशंका
प्राथमिक शाला कहवा में वर्तमान में 132 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है। स्कूल भवन कवेलू एवं कच्ची दीवार का बना हुआ है। 50 वर्ष से अधिक होने सें जर्जर हालत में है। हर जगह से पानी टपकता है। पूरे भवन में दरारें पड़ गई है। यह बारिश में कभी भी गिर सकता है। उन्होंने नए सिरे से भवन बनाने की मांग की।
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ट्राइबल के 50 फीसदी से ज्यादा शिक्षक ट्रांसफर निरस्त कराने लगा रहे जुगाड़
जनजातीय कार्य विभाग में सौ से ज्यादा शिक्षकों के ट्रांसफर किए गए हैं। इनमें से 50 फीसदी से ज्यादा शिक्षक सघन आदिवासी इलाकों की शालाओं में नहीं जाना चाहते। इसके लिए स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ प्रभारी मंत्री कमल पटेल तक जुगाड़ लगा रहे हैं। विभागीय दफ़्तर में भी प्रतिदिन 10 से ज्यादा आवेदन लेकर शिक्षक घूम रहे हैं।
हाल ही में प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर शिक्षकों की स्थानांतरण सूची जारी की गई है। इन शिक्षकों के तबादले पर सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं ने भी अपनी सिफारिश के नाम न होने पर हंगामा मचाया था। यह असंतोष अभी थमा नहीं बताया गया है। इधर, जिन शिक्षकों का मूल शाला से स्थानांतरण हुआ है, वे यथावत् रहने का जतन कर रहे हैं। वे दूसरी शाला में जाना नहीं चाह रहे हैं। कुछ दूरदराज की शालाओं के स्थान पर पास के स्कूल जाने के जुगाड़ में हैं। इस चक्कर में आदिवासी इलाकों की शैक्षणिक व्यवस्था चौपट हो रही है। विभागीय अधिकारी-कर्मचारी इस संशोधन के लिए उन्हें नेताओं की शरण में भेज रहे हैं। जनजातीय कार्य के सहायक आयुक्त सतेन्द्र मरकाम का कहना है कि शिक्षकों के तबादलों के संशोधन के आवेदन पर फैसला प्रभारी मंत्री करेंगे। वे आवेदन भेज देंगे।
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छात्रावासों में अटैच पड़े शिक्षक
यहां बता दें कि विभागीय मिलीभगत और नेतागिरी के चक्कर में छिंदवाड़ा शहर के बस स्टैण्ड, खजरी रोड और कन्या शिक्षा परिसर में मौजूद छात्रावासों में शिक्षक 50 की संख्या में अटैच हैं। केवल दस्तखत कर तनख्वाह ले रहे हैं। जबकि आदिवासी इलाकों के स्कूल खाली पड़े हैं। इस बिगड़ी व्यवस्था का अभी तक कोई सुधारीकरण नहीं हो पाया है।

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