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आदिवासी क्षेत्रों के किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी पर मिलेगा खरीफ का बीज

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 13, 2019 12:44:31 pm

Submitted by:

Rajendra Sharma

जिले के लिए 6300 क्विंटल मक्का बीज भेजा कृषि विभाग ने

Farmers get disturbed by non-availability of government seeds

Farmers get disturbed by non-availability of government seeds

छिंदवाड़ा. मक्का के बढ़ते रकबे के कारण कृषि विभाग किसानों को विभिन्न कम्पनियों के संकर बीज उपलब्ध करा रहा है। वर्तमान में छह हजार 300 क्विंटल का मक्का बीज सभी जिले के विकासखंडों में अलॉट कर दिया गया है। सबसे ज्यादा ध्यान आदिवासी क्षेत्रों पर दिया जा रहा है यहां किसानों को सब्सिडी के बाद बहुत कम कीमत में बीज उपलब्ध हो सकेंगे। बाजार के महंगे बीजों के बजाए विभाग द्वारा दिए जा रहे बीजों को ही खेतों में लगाने की सलाह मैदानी अधिकारी दे रहे हैं।
आंचलिक अनुसंधान केंद्र भी अपने यहां से जवाहर मक्का का बीज किसानों को दे रहा है। वहां भी इसकी डिमांड बढ़ रही है। बीज को लेकर कृषि विभाग आश्वस्त हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस बार बीज की कोई कमी नहीं है। सभी 11 विकासखंडेां में मक्का के बीजों को पहुंचा दिया गया है। छिंदवाड़ा में 770, चौरई में 375, परासिया में 400 क्विंटल बीज भेजा गया है। सौंसर और पांढुर्ना जहां मक्का बहुत कम मात्रा में किसान बोते हैं वहां भी 100-100 क्विंटल बीज किसानों को देने के लिए भेजे गए हैं। सोयाबीन के सबसे ज्यादा 250 क्विंटल बीज बोने के लिए माहेखेड़ विकासखंड में भेजे गए हैं।
आधे से ज्यादा बीज आदिवासी क्षेत्रों में

जिले में चार विकासखंड आदिवासी बहुल हैं। हर्रई, तामिया, जुन्नारदेव और बिछुआ में इस बार 3750 क्विंटल मक्का का बीज दिया गया है। जो पूरे जिले में अब तक भेजे गए 6300 क्विंटल में आधे से ज्यादा है। गौरतलब है सरकार किसानों को बीज पर सब्सिडी भी दे रही है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में तो 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी का प्रावधान है। इसी तरह सामान्य तौर पर किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर यह बीज उपलब्ध कराया जा रहा है।
धान के भी 500 क्विंटल बीज भेजा

कृषि विभाग जिले में धान की खेती के लिए भी उपयुक्त जमीन तलाशने में लगा हुआ है। इसे अंतरवर्तीय फसल के रूप में भी किसानों को लगाने कहा जा रहा है। धान के 500 क्विंटल बीज तामिया, हर्रई, अमरवाड़ा, बिछुआ, जुन्नारदेव और मोहखेड़ में भेजे गए हैं। अरहर का रबका हालांकि इस बार स्थिर है। पिछले साल की तरह इस बार भी 35 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का लक्ष्य रखा गया है। विभाग ने इसके बीज भी किसानों के लिए उपलब्ध कराए हैं।
बीज की कमी बिल्कुल नहीं है

खरीफ सीजन में बोई जाने वाली किसी भी फसल के लिए बीज की कमी बिल्कुल नहीं है। हमने पर्याप्त भंडारण किया है और ब्लॉक लेबल पर बीज पहुंच चुका है। मैदानी अधिकारी किसानों से सम्पर्क कर उन्हें उचित बीज खरीदने की सलाह दे रहे हैं।
जेआर हिडाऊ उपसंचालक कृषि छिंदवाड़ा
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