शिक्षकों का झूठ पकड़ेगा ये एप, लागू होने से पहले ही होने लगा विरोध
छिंदवाड़ा जिला प्रशासन ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से तैयार किया, सोनी कॉलेज को सौंपा मॉनिटरिंग का जिम्मा

छिंदवाड़ा . छिंदवाड़ा जिला प्रशासन ने लापरवाह शिक्षकों पर नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली है। आईआईटी कानपुर के सहयोग से एक ऐसा ‘एप’ लॉन्च किया है जिसकी मदद से शिक्षकों की उपस्थिति और कार्यशैली पर नजर रखी जा सकेगी। सोनी कॉलेज ऑफ कम्प्यूटर के संचालक मनोज सोनी ने बताया कि सेल्फी अटेंडेंस के लिए तैयार एप की मॉनिटरिंग, प्रशिक्षण और देखरेख की जिम्मेदारी कॉलेज को सौंपी गई है। प्रयोग के तौर पर परासिया ब्लॉक में इस एप के जरिए उपस्थिति दर्ज की जा रही है। यह पूरे प्रदेश के लिए मॉडल बन सकता है। दूसरी ओर पटवारियों और स्वास्थ्य अमले के लिए भी इस तरह की योजना प्रस्तावित है।
ऐसे काम करेगा एप
शिक्षक यदि किसी कार्यालयीन प्रयोजन से कहीं बाहर है या किसी अधिकारी के पास है तो वह मोबाइल में अपनी सेल्फी लेकर एप में अपलोड कर इस बात का प्रमाण भी दे सकता है।
इसके अलावा मिड डे मील, गणवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि से सम्बंधित जानकारी या मॉनिटरिंग के लिए भी इस एप का उपयोग किया जा सकेगा। वहीं सम्बंधित शिक्षक अवकाश के लिए भी इस एप का उपयोग कर सकते हैं।
एप को नहीं दे सकते धोखा
दरअसल इस एप में स्कूल और उनसे सम्बंधित शिक्षकों की पूरी सूची अपलोड की जा चुकी है। यदि कोई शिक्षक सम्बंधित स्कूल के दूर रहकर सेल्फी अपलोड करेगा तो एप यह नोटिफिकेशन देगा कि उस शिक्षक ने स्कूल से कितने दूर रहकर सेल्फी अपलोड की है।
सेल्फी अपलोड करते समय इंटरनेट ऑफ मोड भी हो तो नेटवर्क में आते ही वह वहीं समय शो करेगा जब आपने सेल्फी अपलोड की थी।
स्कूल की लोकेशन और शिक्षक द्वारा जानकारी अपलोड करते समय उसकी लोकेशन इंटरनेट के माध्यम से जीपीएस प्रणाली से लगातार जुड़ी रहेगी। इसीलिए कोई भी शिक्षक गलत जानकारी फीड या अपलोड नहीं कर सकेगा। यदि वह ऐसा करता है तो उसका झूठ तुरंत पकड़ा जाएगा।
विरोध की ये है वजह
&महिला शिक्षकों की फोटो गलत हाथों में न पड़ जाए। बुजुर्ग शिक्षकों को इसकी जानकारी नहीं होने से वह सेल्फी अटेंडेंस लगाने में असमर्थ होंगे। इसके अलावा अन्य कई समस्याएं भी निर्मित हो सकती हैं। इसलिए इस एप को अव्यवहारिक बताते हुए विरोध किया जा रहा है।
रमेश चौबितकर, अध्यक्ष अध्यापक संघर्ष समिति छिंदवाड़ा
अपना योगदान देना चाहिए
इस एप के माध्यम से शिक्षकों की छबि समाज में बेहतर बनेगी। वे प्रतिदिन स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ाते हैं। उन्हें विरोध न करते हुए अपना योगदान देना चाहिए।
जेके जैन, कलेक्टर
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