स्थिति यह है कि इमरजेंसी में जिला अस्पताल और मेडिकल के डॉक्टरों उपचार को लेकर टालमटोली बनी रहती है। मामले में सिविल सर्जन डॉ. पी. कौर गोगिया ने बताया कि कोरोना मरीजों के उपचार की जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को दी गई है। ऐसे में किसी मरीज के उपचार और मौत की वजह सिम्स के डॉक्टर ही स्पष्ट कर सकेंगे।
आठ संक्रमित आ चुके है छिंदवाड़ा –
कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों को छिंदवाड़ा रैफर किया जा रहा है। अब तक आठ मरीज सिवनी तथा बालाघाट से आ चुके है। गंभीर होने पर मरीज की जान बचाना काफी चुनौतिपूर्ण होता है।
– डॉ. भूपेंद्र जैन, नोडल आइसोलेशन विभाग, सिम्स
चिकित्सा अमले को नहीं किया जा रहा क्वॉरंटीन –
आइसोलेशन और गायनिक विभाग में कार्य करने वाले चिकित्सा अमले को क्वॉरंटीन नहीं किया जा रहा है, जिससे सीधे सम्पर्क में आने वाले ऐसे लोगों के बीमार होने और दूसरों को भी संक्रमित करने का भय बना हुआ है। प्रबंधन कर्मचारियों की कमी वजह बता रहा है।