राजा परीक्षित को इसलिए मिला था शाप, पढ़ें पूरी खबर
छिंदवाड़ाPublished: May 09, 2019 11:45:39 am
खूनाझिरकलां में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन
Shrimad Bhagwat Geeta Gyan Yagna
छिंदवाड़ा. व्यक्ति बड़ा हो जाता तो वह कई बार अभिमानी हो जाता है। उसका यह अभिमान उसे पाप का भागीदार बना देता है। अहंकार से भरे राजा परीक्षित ने जंगल में साधना कर रहे श्रृंगी ऋषि के गले में मरा हुआ सर्प डाल दिया। श्रृंगी ऋषि ने जब राजा परीक्षित को एक सप्ताह में मौत हो जाने का शाप दिया तब परीक्षित को अपनी गलती का अहसास हुआ, लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था। बाद में महाराज शुकदेव से भागवत की कथा सुनने के बाद परीक्षित को मोक्ष प्राप्त हो गया।
खूनाझिरकलां में चल रही भागवत कथा में यह प्रसंग पं भुवनेश कृष्ण शास्त्री ने बुधवार को सुनाया। यहां चल रही भागवत कथा में उन्होंने राजा परीक्षित के जन्म की कथा और उन्हेेंं मिले शाप की कथा विस्तार से सुनाई। रात आठ बजे से ग्यारह बजे तक चली कथा में उन्होंने महाभारत की कथा के कई प्रसंग भी सुनाए। कर्ण और भगवान श्रीकृष्ण के बीच संवाद को बताते हुए उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान जब कर्ण की भगवान कृष्ण से चर्चा हुई तो कर्ण ने कहा कि मृत्यु के बाद एेसी जगह मेरा दाह संस्कार हो जहां आज तक किसी का नहीं हुआ। भगवान ने उसकी मृत्यु के बाद कर्ण का अंतिम संस्कार अपने हाथों में किया। कृष्ण और विदुर का प्रसंग भी सुनाया गया।