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सुनाई प्रह्लाद की कथा, आप भी जानें कैसे की भगवान ने नन्हे भक्त की रक्षा

locationछिंदवाड़ाPublished: Feb 11, 2020 12:46:20 pm

Submitted by:

Rajendra Sharma

शिकारपुर में आयोजित किया जा रहा श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ

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छिंदवाड़ा/ यह भौतिक जगत कागज की भांति मिथ्या हो सकता है, किन्तु इसका भी उचित लाभकारी उपयोग है। कागज के नोटों को सरकार चलाती है अतएव उनका पूरा मूल्य है। उसी तरह यह भौतिक जगत भी मिथ्या तथा अस्थाई हो सकता है, किंतु परमेश्वर से निकलने के कारण इसका पूरा मूल्य है। जो लोग इस भौतिक जगत के मूल्य को पहचान कर उसे स्वीकार करते हैं तथा उन्हें इसके उचित उपयोग की विधि ज्ञात है, जबकि मायावादी दार्शनिक भूल से कागज के नोटों को मिथ्या कागज मान कर उसका त्याग कर देता है तथा धन का उपयोग नहीं कर सकता है।
यह विचार शिकारपुर में चल रही श्रीमद् भावगत कथा के तीसरे दिन पंडित वीरेन्द्र शुक्ल ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इस भौतिक जगत को मिथ्या मानकर इसका परित्याग कर देता है तो ऐसे त्याग का मूल्य अत्यल्प है। जो व्यक्ति भगवान की सेवा के निमित्त इस भौतिक जगत के यथार्त मूल्य को जानता है जिसे भौतिक जगत से मोह नहीं है तथा जो इंद्रियतृप्ति के लिए भौतिक जगत को स्वीकार न करके इसका परित्याग करता है, वही साहसी वास्तविक त्यागी अथवा संन्यासी है। यह भौतिक जगत भगवान की भौतिक शक्ति का विस्तार है।
कथा व्यास शुक्ल ने प्रह्लाद चरित्र को सुनाते हुए कहा कि प्रह्लाद ने राक्षस कुल में जन्म लेने के बाद भी भगवान का नाम लेना नहीं छोड़ा और उनके पिता हिरण्यकश्यप भगवान को अपना परम शत्रु मानते हैं। हिरण्यकश्यप ने पुत्र प्रह्लाद को प्रभु का जाप करने से रोका और नहीं मानने पर मारने का प्रयास किया पर वो सफल न हुआ। तब प्रह्लाद से पूछा तेरे भगवान यदि सब जगह में है तो क्या इस खम्भे में भी हैं। प्रह्लाद ने कहा इस खम्भे में भी हैं तब हिरण्यकश्यप ने खम्भे पर खड्ग का प्रहार किया तो नरसिंह भगवान प्रकट हुए और उन्होंने हिरण्यकश्यप को मार डाला और प्रह्लाद को गोदी में बैठा लिया। इसके बाद समुद्र मंथन, वामन अवतार की कथा सुनाई गई। भागवत सुनने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे है। यहां सुंदर झांकियां का भी प्रदर्शन किया जा रहा है। मंगलवार को कृष्ण जन्म की कथा होगी। आयोजक समस्त ग्रामवासी शिकारपुर ने धर्म प्रेमी जनता से उपस्थित की अपील की।
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