कथा में भगवान ने कालिया नाग का किया मर्दन
छिंदवाड़ाPublished: Feb 13, 2020 12:17:39 pm
शिकारपुर में चल रही श्रीमद् भागवत का पांचवां दिन
छिंदवाड़ा/ शिकारपुर में चल रही भागवत कथा के पांचवें दिन पं वीरेंद्र शुक्ल ने कालिया नाग मर्दन की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि श्री धाम वृंदावन में कालिया नाग यमुनाजी में आकर गरुड़ के डर से रहने लगा। उसने यमुना को विषैला कर दिया। इसके पानी पीने से पशु पक्षी मर जाते थे। कोई स्नान करने नहीं जाता था। जब भगवान ने देखा कि यमुना को कालिया नाग ने बहुत प्रदूषित कर दिया है तो भगवान ने उसे निकालने का निश्चय किया। भगवान एक दिन गेंद खेलने के लिए यमुना के पास गए और ग्वालों के साथ गेंद खेलते-खेलते यमुना में फेंक दी। भगवान ने गेंद निकालने के बहाने यमुना में छलांग लगाई और कालिया के पास पहुंचे। भगवान को कालिया ने देखा तो पूछा कौन हो तुम। भगवान ने उसे समझाया कि यहां से चले जाओ। कालिया नहीं माना और भगवान पर झपट पड़ा। भगवान ने अपना स्वरूप दिखाया और उसके फन पर चढकऱ तांडव करने लगे। तब उसे समझ आया कि ये कोई और नहीं परमपिता परमेश्वर हैं। उसने प्रभु से क्षमा मांगी और रमनक द्वीप चला गया। इसके बाद कथा व्यास ने गोवर्धन की कथा भी सुनाई। बताया कि किस तरह इंद्र के घमंड को भगवान ने गोवर्धन पर्वत को अपनी एक अंगुली पर उठाकर चूर-चूर कर दिया। इंद्र ने आखिर में भगवान से क्षमा मांगी। इस दौरान गोवर्धन पर्वत की पूजा की आयोजन कथा स्थल पर किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे थे।