छिंदवाड़ा/ देशभर में कोरोना महामारी से सर्वाधिक पीडि़त महानगर मुंबई में आवागमन ठप होने का असर करीब 75 करोड़ रुपए की ग्रामीण अमृत पेयजल प्रोजेक्ट पर पड़ा है। इस योजना का इलेक्ट्रॉनिक और तकनीकी सामान तीन माह से छिंदवाड़ा नहीं पहुंच गया है। इसके चलते नगर निगम के अधिकारी प्रथम चरण में दस गांवों को पेयजल उपलब्ध नहीं करा पाए हैं।
निगम के मुताबिक पिछले दो साल से चल रही इस योजना में 24 गांवों में 18 पानी टंकी के माध्यम से नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है। अब तक 25 किमी तक माचागोरा से धरमटेकरी फिल्टर प्लांट तक मेन पाइप लाइन डाली जा चुकी है तो वहीं अजनिया में संपवेल तथा फिल्टर प्लांट का निर्माण पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा गांवों में 65 किमी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में से 55 किमी में काम पूरा हो गया है। इन पाइप लाइन और फिल्टर प्लांट तथा डिस्ट्रीब्यूशन लाइन को जोडऩे के लिए वाल्व, फलोमीटर, लाइटिंग, पंप, मशीन समेत इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सामान, क्लोटीन, एलम और ब्लीचिंग आदि की जरूरत है। ये सामान मुंबई से आना है। इस समय सबसे अधिक कोरोना
ग्रस्त होने से इसका परिवहन रुका हुआ है।
माचागोरा में जल्द पूरा होगा इंटकवेल
इस प्रोजेक्ट में जमहोड़ी पंडा के समीप माचागोरा बांध में इंटकवेल का निर्माण जल्द पूरा हो जाएगा। अब तक नदी तल से 20 मीटर ऊपर तक पंप स्लेप डाल दी गई है। केवल छह मीटर का काम शेष रह गया है। इस बारिश में लगातार काम जारी रखने के लिए 800 मीटर रेंप भी बनाया गया है। एक माह में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
सर्रा में विवाद से रुका टंकी निर्माण
प्रोजेक्ट में 18 में से 12 पानी टंकी का निर्माण पूरा कर लिया गया है। ग्राम सर्रा में जमीन का विवाद उलझने से टंकी का निर्माण शुरू नहीं किया गया है। शेष स्थल पर टंकियों के निर्माण में फिनिशिंग वर्क रह गया है।
अमृत प्रोजेक्ट में मुंबई से तकनीकी और इलेक्ट्रॉनिक सामान की आपूर्ति रुकने से 20 प्रतिशत काम शेष रह गया है। जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, परियोजना को जल्द पूरा कर दिया जाएगा।
ईश्वर सिंह चंदेली,
कार्यपालन यंत्री नगर निगम