छिंदवाड़ाPublished: Sep 20, 2019 06:39:41 pm
arun garhewal
600 बच्चे अध्ययनरत हैं
सर जी ! छत से टपकता है पानी, कैसे पढ़ाई करें
छिंदवाड़ा. पिपला नारायणवार. शासकीय उमावि पिपला में सत्र 2012-13 में छह कमरों का निर्माण किया गया। जिसमें 2013 से कक्षाएॅ संचालित हो रही है। जहां पर कक्षाएं लग रही है। उसमें कमरों में पानी टपकता रहता है ऐसे टपकते पानी के बीच पढ़ाई करना बच्चों की मजबूरी ही होती है।
जानकारी के अनुसार छत से पानी की निकासी नहीं होने से छत का पानी भर जाता है जो टपकता रहता है। इस संबंध में कई बार जानकारी देने के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस स्कूल में कक्षा छटवी से बारहवी तक लगभग 600 बच्चे अध्ययनरत हैं जहॉ बरसात के दिनों में में बच्चे कमरों में पानी में बचते हुए समूह में बैठते हैं। संस्था प्राचार्य एके शिंदे ने बताया कि कि भवन की समस्या एवं नए भवन का प्रस्ताव बनाकर उच्च अधिकारियों को दिया जाना है। दुसरी ओर पुराना अंग्रेजी कवेलू का भवन है, वहां की भी हालत खराब है। कवेलुओं से पानी टपकता है और बल्लियां कमजोर हो रही हैं। इस ओर विभाग का ध्यान ही नहीं है।
शासन द्वारा शिक्षा के लिए अरबों रुपए का बजट आवंटित किया जाता है, लेकिन बच्चों और स्कूलों तक योजनाओं का लाभ ही नहीं पहुंच पाता है।
कई बार स्कूल तक की दूरी तय करने में बच्चों और उनके पालकों के पसीने छूट जाते हैं जिसका मुख्य कारण ग्रामीण अंचलों में सडक़ों की बदहाल स्थिति है। इसी प्रकार का मामला विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत चटुआ के ग्राम धाधरा की सडक़ का है। जहां से नन्हें मुन्ने घर से तो स्कूल चले हम बोलकर निकलते है किन्तु कीचड़ से सनी सडक़ों के कारण इन बच्चों के पैर पूरी तरह कीचड़ से सन जाते है इतना ही नहीं कई बच्चे इस कीचड़ की फिसलन से गिरकर घायल भी हो जाते हैं और गंदे कपड़ों के कारण अपने घरों की ओर उल्टे पैर वापस लौटने को मजबूर हो जाते हैं।