आखिर किन मांगों को लेकर सडक़ पर उतरे पेंशनर्स, पढ़ें पूरी खबर
मप्र पेंशनर्स एसोसिएशन एवं मप्र पेंशनर्स समाज सोमवार को सडक़ पर उतर गया।

छिंदवाड़ा. मप्र पेंशनर्स एसोसिएशन एवं मप्र पेंशनर्स समाज सोमवार को सडक़ पर उतर गया। उन्होंने रैली निकालकर जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। मप्र पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जीबी नवघरे एवं पेंशनर्स समाज के अध्यक्ष एसडीए तिवारी ने बताया कि ज्ञापन में पेंशनर्स को 27 माह के एरियर का भुगतान सातवें वेतनमान के तहत किए जाने एवं 32 माह के एरियर छठवें वेतनमान के हिसाब से दिए जाने, असाध्य बीमारियों का इलाज मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में निशुल्क किए जाने, सेवानिवृत्त कर्मचारी के बच्चों को योग्यतानुसार शासकीय सेवा मेंं लेने, केंद्र के सामान एक हजार रुपए चिकित्सा एलाउंस दिए जाने, पेंशनर्स एवं वरिष्ठ नागरिकों को सभी बसों में अन्य राज्यों की तरह छूट दिए जाने आदि मांग रखी गई है। इससे पहले जिले के पेंशनर्स दीनदयाल पार्क में एकत्रित हुए और जिलाध्यक्ष के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने के दौरान पेंशनर्स एसोसिएशन के महामंत्री बीएन विश्वकर्मा, सचिव मीर जाहिद अली, मोहम्मद इसराइल, लक्ष्मण शेल्की, आरएन शुक्ला सहित काफी संख्या में पेंशनर्स मौजूद रहे। जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपने के पश्चात पेंशनर्स संगठनों की संयुक्त बैठक डे केयर सेंटर में आयोजित की गई। निर्णय लिया गया कि छह अगस्त को दोपहर एक बजे पेंशनर्स सदन शुक्ला ग्राउंड से रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके लिए तैयारी भी की जा रही है। पेंशनर्स समाज से छगन दवे, वीके परिहार, एसडीए तिवारी ने कहा कि पोस्टर, पर्चे के माध्यम से शासन का ध्यान आकर्षित करवाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
ध्यान का उपाय है भक्ति
जैन मंदिर गुलाबरा में सोमवार को विमर्श सागर महाराज ने धर्म सभा में आत्म कल्याणकारी मार्ग प्रदान किया। दो प्रकार से पवित्र मार्ग की व्याख्या की। कहा कि एक मार्ग ध्यान का है और दूसरा भक्ति का। हालांकि दोनों पृथक-पृथक मार्ग नहीं हैं बल्कि भक्ति मार्ग से ध्यान मार्ग तक पहुंचा जाता है। ध्यान मार्ग से सिद्धालय प्राप्त होता है। ध्यान करने से पूर्व उस ध्येय का ज्ञान अवश्य होना चाहिए जिसका आप ध्यान करना चाहते हैं। विमर्श सागर महाराज ने कहा कि जैन दर्शन में सिर्फ दो ही ध्येय स्वीकार किए गए हैं। एक बचपरमेष्ठी एवं दूसरा निज आत्मा। अनादिकाल से यह जीवात्मा संसार में परिभ्रमण करता हुआ इन दो प्रकारों के ध्येयों को अपने ध्यान का विषय नहीं बना पाया एवं सांसारिक निमितों से आर्ट रौद्र ध्यान करके संसार को ही बढ़ाता रहा। उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी जीव ध्यान को प्राप्त हैं, लेकिन किसी का ध्यान संसार का सृजन करता है और किसी का ध्यान संसार का नाश कर डालता है। गुलाबरा जैन मंदिर में प्रतिदिन सुबह 8.45 बजे से प्रवचन हो रहे हैं। 26 जुलाई को गुरुपूर्णिमा एवं 29 जुलाई को मंगल चातुर्मास कलश स्थापना का कार्यक्रम आयोजित होगा।
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