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Social pride: कोरोना काल में इस कॉलेज प्रोफेसर ने बनाया यह रिकॉर्ड, ऐसी है सोच

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 15, 2021 09:12:28 pm

Submitted by:

ashish mishra

युवाओं को कॅरियर मार्गदर्शन दिया है।

College: गल्र्स कॉलेज पहुंचे कुलपति को मिली यह कमी, बनाया जाना है शोध केन्द्र

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छिंदवाड़ा. एक अच्छा शिक्षक वहीं होता है जो विद्यार्थी को तरास कर उसे इस काबिल बना दे कि वह एक बड़ा मुकाम हासिल कर सके। यही उसकी जिम्मेदारी है। चांद कॉलेज में पदस्थ प्रोफेसर अमर सिंह उन्हीं में से एक हैं जो न केवल विद्यार्थियों को क्लास में अध्ययन कराते हैं बल्कि उन्हें समय-समय पर कॅरियर मार्गदर्शन देकर उनके भविष्य को संवारते भी हैं। प्रो. अमर सिंह ने कोरोना त्रासदी से उत्पन्न अवसाद को दूर करने के लिए वेबीनारों के माध्यम से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछले पंद्रह महीनों में 250 निशुल्क प्रेरक व्याख्यान देने का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने पिछले दस सालों में लगभग एक हजार कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को कॅरियर मार्गदर्शन दिया है। साथ ही देश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में कोरोना से उत्पन्न मायूसी को कम करने के लिए तैराक शोधपत्र, कविता, कहानी, समीक्षा, साहित्यिक और जीवन को संतुलित बनाने के लिए आलेख प्रकाशित हुए हैं। अपनी सरकारी नौकरी के साथ हजारों छात्रों को कॅरियर निर्माण का प्रशिक्षण से कॉरपोरेट क्षेत्रों में जॉब दिलवाना प्रो. अमर सिंह की बड़ी उपलब्धियों में से एक है।
हुनर से कई क्षेत्र में जमा सकते हैं धाक
प्रो. अमर सिंह का कहना है कि सरकार एक पद देती है, किंतु व्यक्ति अपने हुनर से कई क्षेत्रों में अपनी धाक जमा सकता है। जहां चाह, वहां राह होती है। लीक से हटकर कुछ अलग करने की ललक हमें अपने हिस्से की गंदगी हटाने में आत्मा को सुकून देती है। कोई भी परिवर्तन सबसे पहले वैचारिक स्तर पर होता है। स्वयं को प्रज्ज्वलित करना हमारे हाथ में होता है। व्यक्ति को हर रोज अपना ही रिकॉर्ड तोडऩा चाहिए। जो दूसरों के लिए निश्वार्थ खड़ा होता है, उसे हराना मुश्किल होता है। विषम परिस्थितियों में अपनी स्थिति को संभालना हमारे हाथ में होता है। संकल्प जनित अनंत ऊर्जा से विरले कार्मिक पहाड़ खड़ा करने से विरली सफलता मिलती है। जीवन जीने के पीछे किसी बहुत बड़ी वजह के बिना ऊर्जा लक्ष्य पर केंद्रित नहीं हो पाती है। मनुष्य अगर अपनी इच्छा शक्ति के ब्रह्मास्त्र से जहां चाहे, वहां वैकल्पिक रास्ते निकाल सकता है। जीवन भर विद्यार्थी बने रहने की ललक को लगन के पंख लगाए प्रो. सिंह पारदर्शी सोच को अधिकांश चुनौतियों का समाधान मानते हैं।
लौटाने की चाहत जीवन के मकसद को करती है पूरा
प्रो. अमर सिंह का कहना है कि परमार्थ सेवा से जो सुकून मिलता है वह अमूल्य होता है। वे स्वयं को कोरोना त्रासदी में आत्मघोषित प्राध्यापक योद्धा के रूप में परसेवा को सच्ची खुशी का स्रोत मानते हैं। जीवन का अन्वेषण कर अंतर्निहित संभावनाओं की तलाश, सपनों पर योजनाबद्ध फोकस किसी भी व्यक्ति के सफलता के द्वार खोल सकता है। जब देश बहुत देता है, तो उसे लौटाने की चाहत जीवन के मकसद को पूरा करती है। युवाओं के लिए आइकॉन बने प्रो. अमर सिंह निरंतर अभ्यास से उत्कृष्टता प्राप्ति की बात कहते हैं। जीवन को जो हम देते हैं, जीवन वही हमें लौटाता है। पुरुषार्थ से प्रारब्ध निर्माण, कर्म यज्ञ से अपनी किस्मत खुद लिखना और जो हम हैं और जो हो सकते हैं, के अंतराल को भरना हर मनुष्य के जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। जीवन की खाली किताब पर कर्मों की स्याही से लिखा जाता है। आत्म साक्षात्कार, आत्म विश्लेषणए स्वयं की क्षमताओं पर संदेह न करना जैसे वैचारिक सूत्र प्रो. अमर सिंह के प्रेरक व्याख्यानों के केन्द्र बिंदु रहते हैं।
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