आयुर्वेद पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ. मोरेश्वर विश्वकर्मा ने बताया कि गर्मी की वजह से मनुष्य की सुंदरता के साथ ही सेहत पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस मौसम में खानपान में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। पानी अथवा जूस का सेवन अधिक करने चाहिए। इससे शरीर में हाइडे्रट बना रहता है तथा संक्रमण से भी सुरक्षा मिलती है।
पानी की मात्रा का रखें ध्यान – बताया जाता है कि जब तक किडनी के कार्य की गति 10 से 15 मिली प्रति मिनट से कम न हो, तब तक सामान्यत: होमियोस्टेटिक मैकनिज्म के जरिए सोडियम और इंट्रावस्कुलर वॉल्युम बैलेंस बना रहता है। उल्टी, डायरिया, ड्यूरेटिक या हायपोवोल्मिया होने पर किडनी कमजोर पड़ सकती है। ऐसे में मरीजों को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।