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कहीं नियमित सफाई नहीं तो कहीं सडक़ें जर्जर

locationछिंदवाड़ाPublished: Jan 02, 2022 07:18:10 pm

कोयलांचल इलाके के डुंगरिया क्षेत्र में जन समस्याओं से लोग परेशान है। कई जगह नियमित सफाई नहीं होती। सडक़ें जर्जर हो रही है। यहां विकास कार्य कराए जा रहे हैं। वहां गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा।

Road and dam

Road and dam

छिंदवाड़ा/डुंगरिया. कोयलांचल इलाके के डुंगरिया क्षेत्र में जन समस्याओं से लोग परेशान है। कई जगह नियमित सफाई नहीं होती। सडक़ें जर्जर हो रही है। यहां विकास कार्य कराए जा रहे हैं। वहां गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा। बिजली की बर्बादी हो रही। कुओं की सफाई नहीं की जाती। संक्रामक बीमारियों के दौर में भी कूडेदानों को साफ नहीं किया जाता।
नई सडक़ में दरकार:
भूताह छाबड़ी सडक़ पर किए गए डामरीकरण में अभी से दरार नजर आ रही है। लोगों का आरोप है कि बारीक गिट्टी के साथ रोड बनाई गई। घटिया निर्माण कार्य किया जा रहा है। ग्रामवासियों ने सडक़ निर्माण में गुणवत्ता पर ध्यान देने की मांग की।
पुलिया का घटिया निर्माण:
कोहलिया में ग्राम पंचायत द्वारा बनाई गई पुलिया में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया। पांच वर्ष में ही पुलिया का पलस्तर गट्टी नजर आने लगे हैं। पुलिया बीच में से दब गई है। करीब 12 लाख रुपए से पुलिया का का निर्माण किया पर घटिया काम के कारण हालत खराब है। जिम्मेदारों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
झाडिय़ों से घिरा कुआं, सफाई की मांग
ग्राम पंचायत कोलहिया बस्ती माली सगनिया रोड पर बना कुंआ ग्राम पंचायत की लापरवाही का शिकार है। कुएं के चारों ओर घास व झाडिय़ां उग आई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कुएं से पूरी बस्ती को पेयजल की आपूर्ति की जाती है। ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों को कुएं की साफ. सफाई कराई जानी चाहिए। ग्राम में आदिम जाति सेवा सहकारी बैंक के सामने कूड़ेदान की नियमित सफाई नहीं होने से कचरा नीचे तक फैल रहा है। जिससे आसपास के रहने वाले ग्रामीणों को गंदगी और बदबू का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने कूड़ेदान की नियमित सफाई कराने की मांग की है।
मनरेगा में कम मजदूरी का आरोप
ग्राम पंचायत कोलहिया शिव पटेल के खेत में मनरेगा के तहत ढाई लाख रुपए की लागत से तालाब का निर्माण चल रहा है। मजदूरों ने आरोप लगाते हुए बताया कि मजदूरी कम पड़ती है। गुजर-बसर नहीं हो पाता। महंगाई के दौर में 192 की हाजिरी मेंं परिवार का गुजारा नहीं चल पाता है। उच्च अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है।
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