छिंदवाड़ा

मिसाल: किसान के बेटे ने छह साल की मेहनत से उगाई सपनों की फसल

सिविल जज बना गांव का बेटा

छिंदवाड़ाAug 23, 2019 / 10:43 am

prabha shankar

Son of village becomes civil judge

छिंदवाड़ा. किसान बंजर भूमि में भी फसल उगाने की क्षमता रखता है। ईमानदारी के साथ मेहनत करने पर ही उसके हाथ में सपनों की फसल आती है। पिता को खेत में मेहनत करते हुए देखते बड़े हुए बेटे ने भी होश सम्भालते ही खेती में पिता का हाथ बंटाया और गांव के स्कूल में ही प्राथमिक स्तर की शिक्षा हासिल की। बड़े भाई ने वकालत की जिसके नक्शे कदम पर छोटा भाई भी चल पड़ा। अपने सपनों की फसल को उगाने के लिए किसान के बेटे ने छह साल हर दिन पांच घण्टे दिए, अब वह सिविल जज बन चुका है।
मोहखेड़ ब्लॉक के छोटे से गांव पालामऊ में रहने वाले किसान गेंदलाल पाल एवं सुशीला पाल के छोटे बेटे गोपाल नंदन पाल का सिविल जज में चयन हुआ है। छह साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें यह सफलता हाथ लगी। ‘पत्रिका’ से चर्चा में उन्होंने बताया कि कुछ समय कोचिंग करने के साथ ही जिला एवं सत्र न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता जीडी मैनवे के पास छिंदवाड़ा में जूनियरशिप कर रहे थे। साल 2008 से वह लगातार वकालत भी कर रहे थे। वरिष्ठों के मार्गदर्शन में घर पर ही तैयारी जारी रखी। पढ़ाई पर हर दिन पांच से छह घण्टे दिए जिसके बाद छठवें प्रयास में उनका चयन हुआ है। वे मानते हैं कि इससे भी कम समय में चयन हो सकता है। मेहनत करने वाले के लिए कोई भी परीक्षा पास करना बड़ी बात नहीं है।

पिता के पास दो एकड़ जमीन
गोपाल नंदन पाल ने बताया कि पिता के पास दो एकड़ जमीन है। बड़ा भाई मनोज पाल सिवनी जिला न्यायालय में अधिवक्ता है। भाई को देखकर ही उन्होंने पीजी कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। साल 2018 में सिविल जज की परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा पास करने के बाद दो अगस्त 2019 को साक्षात्कार हुआ जिसमें भी किसान का बेटा सफल हुआ। गोपाल नंदन पाल की प्राथमिक स्तर की शिक्षा ग्राम पालामऊ के स्कूल में प्राप्त की है। लिंगा से हायर सेकेंडरी की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने बताया कि जब भी मौका मिलता है वे खेती में पिता का सहयोग करते हैं।

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