कृषि विभाग के मुताबिक पिछले खरीफ सीजन की प्रमुख फसल मक्का का समर्थन मूल्य न मिलने से किसानों का रुझान सोयाबीन के प्रति बढ़ गया है। निजी क्षेत्र में बीज 10 से 12 हजार क्विंटल में मुश्किल से उपलब्ध हो पा रहा है तो सरकारी क्षेत्र में बीज की मात्रा कम है। इसे देखते हुए कृषि विभाग द्वारा नेशनल सीड कार्पोरेशन से दो हजार क्विंटल बीज की मांग की गई थी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार पूरे मप्र में बीज की कमी होने पर कार्पोरेशन इस समय राजस्थान से बीज के इंतजाम में जुटा है। इसके चलते कम मात्रा में सौ क्विंटल बीज छिंदवाड़ा पहुंचाया गया है।
कुछ मात्रा में बीज और देने का आश्वासन कार्पोरेशन अधिकारियों ने दिया है। उपसंचालक कृषि जेआर हेडाऊ का कहना है कि एनएससी से आए सोयाबीन बीज को किसानों को जल्द ही वितरित कर दिया जाएगा। फिलहाल किसान पिछले साल दिए गए बीजों का अंकुरण टेस्ट कर उसका उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा उन्हें दूसरी फसल लेने की भी सलाह दी जा रही है।
उड़द और मूंगफली के मिनी किट वितरित
उपसंचालक के अनुसार जिले में उड़द के सौ और मूंगफली बीज के 300 मिनी किट आए थे, जिन्हें विकासखण्ड स्तर पर किसानों को उपलब्ध कराने के लिए दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि अरहर के मिनी किट भी जल्द मिलनेवाले हैं।