अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत करने वाले इस ‘गांधी’ के बारे में विद्यार्थियों ने जाना, आप भी पढ़ें खबर
छिंदवाड़ाPublished: Dec 07, 2019 12:03:04 pm
विद्यादेवी शुक्ला कॉलेज में विशेष कार्यक्रम आयोजित
जुन्नारदेव/ जिले में कई महान विभूतियां ऐसी भी हैं जो इतिहास के पन्नों पर ही सीमित हो गई हैं। जिन्हें आज की पीढ़ी नाम से भी नहीं जानती है ऐसी ही हस्तियों को युवा पीढ़ी से रूबरू कराने के लिए शासन प्रशासन स्तर पर भी वृहद प्रयास किए जा रहे हैं।
छिंदवाड़ा जिले के उमरेठ में 23 दिसम्बर 1906 को पैदा हुए महान स्वतंत्रता सेनानी पं. विश्वंभरनाथ पांडे की पुस्तक का विमोचन बीते माह राज्य भवन भोपाल में किया गया था। इस पुस्तक को उसकी सरजमीं पर लाने का कार्य उनके परपोते अखिलेश और नीलेश शुक्ला ने किया। गौरतलब हो कि इस कार्यक्रम में नीलेश शुक्ला को आमंत्रित भी किया गया था। उन्होंने वर्तमान में पुस्तक की 54 प्रतियां जुन्नारदेव के लिए लेकर आए और तीन प्रतियां उमरेठ क्षेत्र के लेखराम कुशवाह एवं नारायण चौरसिया को प्रदान कीं। लेखराम कुशवाह को उन्होंने ही मार्गदर्शन दिया है।
महात्मा गांधी के 150वें जन्मवर्ष पर मप्र के इतिहास में अहम भूमिका निभाने वाले इस महान क्रांतिकारी, राजनीतिज्ञ एवं समाज सेवी को याद कर उनकी पुस्तक का विमोचन किया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पांडे ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत की और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया। उनके दादा पं. रघुनाथ पांडे को अंग्रेजी हुकूमत ने विद्रोह भडक़ाने के अपराध में 1859 को फांसी की सजा सुनायी थी। पं. विश्वंभरनाथ पांडे एक सत्याग्रही कार्यकर्ता थे जो महात्मा गांधी के सिद्धांतों और दृष्टि से प्रभावित थे। विश्वम्भरनाथ पांडे एक जून 1998 को पंचतत्व में विलीन हुए। इसके पूर्व में उन्होंने राजनीतिक, सामाजिक कार्यों में बढ़-चढकऱ अपना योगदान दिया जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। उनकी प्रकाशित पुस्तकों के माध्यम से अब जिले के युवाओं को नई प्रेरणा मिलेगी।