सबसे अधिक महिलाएं प्रभावित
बताया जाता है कि कैंसर रोग से सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित हंै। आंकड़ों पर नजर डालें तो कुल पंजीकृत 1431 मरीजों में से 817 महिला मरीज शामिल हैं।
विश्व कैंसर दिवस पर विशेष
छिंदवाड़ा•Feb 04, 2019 / 01:08 am•
prabha shankar
cancer
छिंदवाड़ा. चिकित्सा जगत में आई क्रांति के बाद अब कैंसर का उपचार संभव होने लगा है। बीमारी का पता चल जाए तथा मरीज का समय पर उपचार शुरू हो तो उसे ठीक किया जा सकता है। हालांकि प्रशासनिक लापरवाही के चलते मरीजों को निर्धारित दवाएं उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। प्रदेश शासन ने कैंसर रोगियों को निशुल्क दवा उपलब्ध कराने के लिए 19 तरह की दवाए चिह्नित की हंै, लेकिन बालाघाट डिपो से दवा मांग के आधार पर उपलब्ध नहीं होने से आए दिन मरीज परेशान होते रहते हैं। बताया जाता है कि छिंदवाड़ा में कैंसर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में उज्जैन के बाद छिंदवाड़ा का नम्बर आता है। वर्ष 2014 से शुरू हुए असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 31 दिसम्बर 2018 तक 1431 कैंसर रोगियों की संख्या दर्ज हो चुकी है।
मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. तपेश पोनिकर ने बताया कि 90 प्रतिशत कैंसर रोगियों का फस्र्ट स्टेज पर इलाज हो सकता है। द्वितीय प्रक्रिया में यह अनुपात 70 प्रतिशत, तीसरी स्टेज पर 40 प्रतिशत तथा चौथीं स्टेज पर 10 प्रतिशत उपचार सम्भव हो सकता है। हालांकि देश में 80 फीसदी से अधिक मरीज देर होने पर उपचार के लिए डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। डॉ. पोनिकर ने बताया कि एक तिहाई से ज्यादा कैंसर तम्बाकू या उससे बने उत्पादों के सेवन की वजह से, जबकि अन्य विभिन्न कारणों से सामने आते हैं। इसके अलावा भारत में कैंसर की वजह गरीबी, अशिक्षा, कुपोषण, कम उम्र में विवाह, बार-बार गर्भपात होना, गंदगी और सेहत के प्रति गम्भीर नहीं होना है। डॉ. पोनिकर ने बताया कि कैंसर संक्रामक रोग नहीं है, इस रोग से पीडि़तों के साथ दुव्र्यवहार करना गलत है।
सबसे अधिक महिलाएं प्रभावित
बताया जाता है कि कैंसर रोग से सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित हंै। आंकड़ों पर नजर डालें तो कुल पंजीकृत 1431 मरीजों में से 817 महिला मरीज शामिल हैं।
Home / Chhindwara / कैंसर का इलाज तो सम्भव, पर मौत होने की यह है बड़ी वजह