लगातार कम हो रही है भूमि
ईमलीखेड़ा शासकीय संकर पशु प्रजनन केंद्र के पास कभी 248 एकड़ भूमि थी। आज इनमें स्कूल, निगम के भवन बनते-बनते सिर्फ 103 एकड़ भूमि शेष रह गई है। पानी के लिए पूरी तरह कुलबेहरा नदी पर निर्भर प्रजनन केंद्र क ी गायों की प्यास गर्मी में बमुश्किल से बुझ पाती है। प्रजनन केंद्र के भवन जर्जर होकर गिर रहे हैं।
छह हजार क्विंटल भूसे की नहीं हो पा रही आपूर्ति
प्रबंधन के अनुसार वर्षभर के लिए ठेकेदार को छह हजार क्विंटल भूसे की व्यवस्था करनी होती है, लेकिन उसकी आपूर्ति वर्ष पूरे होने के एक दो महीने पहले ही ठप हो जाती है। वर्षभर के लिए 24 लाख रुपए से अधिक का भूसा को मंगाया जाता है। इसके लिए दो बड़े भूसा गोदाम एवं एक अन्य गोशाला को आरक्षित रखा गया है। फिर भी मार्च के पहले सप्ताह में ही भूसा गोदाम पूरी तरह खाली हैं, जबकि नया भूसा अपै्रल के पहले नहीं मिलेगा। भूसे की कमी को वर्सीम के माध्यम से पूरा किया जा रहा है।
इनका कहना है
दूसरे प्रक्षेत्रों से जमीन कम है। आय क ी तुलना में खर्च अधिक है। इसके बावजूद प्रदेश के अन्य प्रक्षेत्रों से सर्वाधिक पशुधन एवं सर्वाधिक आय है।
- शेषराव सूर्यवंशी, प्रबंधक