scriptश्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह की खुशी में भक्तों ने भाव विभोर होकर किया नृत्य | Sri Krishna and Rukmini marriage in Srimad Bhagavad katha | Patrika News

श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह की खुशी में भक्तों ने भाव विभोर होकर किया नृत्य

locationछिंदवाड़ाPublished: Feb 09, 2020 12:12:38 pm

Submitted by:

Rajendra Sharma

रुक्मिणी मंगल कथा का श्रवण करने से विवाह की बाधाएं दूर होती हैं. पंडित बलराम महाराज

katha
छिंदवाड़ा/ ग्राम बम्हनी लाला में चल रही संगीतमय श्रीमद् भावगत महापुराण अमृत वर्षा में शनिवार को रुक्मिणी विवाह उत्सव मनाया गया। राघवेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि इस अवसर पर विवाह उत्सव की सजीव झांकियां सजाई गईं। श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के वरमाला प्रसंग के दौरान सुनाए गए कर्णप्रिय भजनों पर भक्तों ने भाव विभोर होकर नृत्य किया।
श्रीमद् भागवत कथा में व्यासपीठ पर विराजमान पंडित बलराम महाराज ने गीत, महारास, रुक्मिणी मंगल विवाह एवं प्रेम योग के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए महारास के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महारास का अर्थ जीव से जीव का मिलन नहीं अपितु ब्रह्म से जीव के मिलन को महारास कहा गया है। रुक्मिणी मंगल कथा के बारे में बताते हुए कहा कि जो इसका श्रवण करता है, उसके घर में विवाह की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और परिवार मंगलमय जीवन व्यतीत करता है। संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा में सजी रुक्मिणी विवाह उत्सव की झांकी और भाव विभोर होकर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया।
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