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16 तक किसान करा सकेंगे फसल बीमा, जानिए कहां कितना खर्च करना होगा

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 19, 2019 01:22:53 am

Submitted by:

prabha shankar

विभाग ने जारी की गाइडलाइन

farmers waiting crop insurance claim

farmers waiting crop insurance claim

छिंदवाड़ा. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत जिले के किसान 16 अगस्त तक खरीफ में बोई अपनी फसलों का बीमा करा सकेंगे। इसके लिए विभाग ने गाइड लाइन तय कर दी है। फसलों का बीमा पटवारी हल्का स्तर, तहसील स्तर और जिला स्तर पर होगा। तीनों स्तरों में अलग-अलग फसलों को रखा गया है। किसान सम्बंधित बैंक में आवेदन दे सकेंगे। इसके लिए किसानों को बीमित राशि का दो प्रतिशत प्रीमियम बैंक में जमा करना होगा। इसके लिए भू अधिकार पुस्तिका, सक्षम अधिकारी द्वारा बुआई का प्रमाण-पत्र, पहचान-पत्र देना अनिवार्य है।

कपास, अरहर पर सबसे ज्यादा राशि का बीमा
कपास और अरहर पर सबसे ज्यादा बीमित राशि रखी गई। कपास का बीमा प्रति हैक्टेयर 40 हजार रुपए का होगा तो अरहर का प्रति हैक्टेयर 38 हजार रुपए से बीमा होगा। अरहर का बीमा पटवारी हल्का स्तर पर होगा जबकि कपास का बीमा तहसील स्तर पर होगा। तहसील स्तर पर ही मंूगफली का बीमा 34 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर से इस बार होगा। बीमा की कुल रकम का दो प्रतिशत प्रीमियम प्रति हैक्टेयर के हिसाब से किसानों को जमा करना होगा।
अधिसूचित फसलें उनकी बीमा और देय राशि
स्तर फसलें बीमित राशि देय राशि
पटवारी हल्का मक्का 30000 600
सोयाबीन 24000 480
तुअर 38000 760
धान सिंचित 31000 620
धान असिंचित 18500 370
तहसील मूंगफली 34000 680
ज्वार 24000 480
कोदो कुटकी 10500 210
कपास 40000 2000
जिला स्तर मूंग 24500 490
उड़द 20000 400

इन हालात में मिलेगा बीमा का लाभ
अधिसिंचित क्षेत्र में फसलों में वर्षा की कमी या विपरीत
मौसम परिस्थितियों के कारण बुआई, रोपाई या अंकुरण नष्ट होना, खड़ी फसल बुआई से कटाई तक की अवस्थाओं में सूखा, सूखा अंतराल, बाढ़, जल प्लावन, कीट व्याधि, भूस्खलन, प्राकृतिक अग्नि, बिजली गिरना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी आदि के कारण फसल हानि, कटाई के बाद खेत में बिना बंधी फैली फसल के कटाई के 14 दिन के भीतर चक्रवात, वर्षा के कारण नष्ट होना और क्षेत्रीय आपदा जिसमें ओलावृष्टि भूस्खलन और जल प्लावन के कारण उत्पन्न जोखिम से फसल क्षति।

इनका कहना है
हमारा लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को बीमा कराने के लिए प्रेरित करें। किसान भाइयों से भी हम कर रहे हैं कि फसलों का बीमा जरूर कराएं। इसके लिए वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से या फिर सहकारी बैंक की शाखाओं या फिर व्यावसायिक बैंकों से वे सम्पर्क कर सकते हैं।
जेआर हेडाऊ , उपसंचालक कृषि विभाग

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