किसानों को नकदी की दरकार खरीफ के सीजन में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना की राशि सरकार खातों में डालने की बात कह चुकी है, लेकिन हड़ताल के कारण मुख्य शाखा से पैसा ट्रांसफर नहीं हो पाया। किसानों को यह पैसा आर्थिक रूप से मदद दे सकता है। फिलहाल हड़ताल खत्म होने के बाद ही कुछ होगा। जिले में 74 करोड़ रुपए किसानों को मिलेंगे जिन्होंने समर्थन मूल्य पर सरकार को गेहूं बेचा है। पिछले वर्ष का भी १०० रुपया बोनस प्रति क्विंटल पर दिया गया है। कुछ छोटे किसानों को उनकी लिमिट के हिसाब से समिति स्तर पर भी लोन दिया जाता है, लेकिन यह काम भी उनका बन नहीं पा रहा है।
समितियों के नहीं बन रहे डीडी समितियों में किसानों को दिए जाने वाले बीज और खाद का डीडी बनाकर डीएमओं को देना होता है। उसके बाद ही समितियों को ये सामग्री मिलती है। यह डीडी सिर्फ कोआपरेटिव बैंक से बनता है। बैंक बंद होने के कारण यह काम ठप पड़ा है। समितियों के गोदामों में पहले गेहूं चना भरा था। इसलिए ज्यादा अग्रिम उठाव उन्होंने नहीं किया। अब गोदाम खाली है तो हड़ताल के कारण खाद-बीज मंगाने में दिक्कत आ रही है। किसानों को ये चाहिए, लेकिन कईं समितियो में इनकी कमी होती दिख रही है।