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ऐसे शिक्षक कर रहे मूल्यांकन तभी होता है परिणाम प्रभावित, पढ़ें पूरा मामला

locationछिंदवाड़ाPublished: Apr 09, 2019 11:43:43 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

विभागीय लापरवाही से बिगड़ सकता है छात्रों का भविष्य

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ऐसे शिक्षक कर रहे मूल्यांकन तभी होता है परिणाम प्रभावित, पढ़ें पूरा मामला

छिंदवाड़ा. माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा आयोजित वार्षिक परीक्षा कार्यक्रम के तहत चल रहे कक्षा दसवीं एवं बारहवीं के मूल्यांकन कार्य में लापरवाही सामने आई है। इसमें ऐसे हेड, डिप्टी और मूल्यांकनकर्ता जिनके स्कूलों में जो विषय संचालित ही नहीं हो रहे है, उन विषयों की कॉपियों का मूल्यांकन वह शिक्षक कर रहे है। इतना ही नहीं इतिहास विषय पढ़ाने वाले अंग्रेजी या हिन्दी तो अर्थशास्त्र पढ़ाने वाले गणित विषय की कॉपी जांच रहे है।
माशिमं के नियमानुसार वार्षिक परीक्षा का मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को कम से कम लगातार तीन वर्ष का अनुभव होना चाहिए। साथ ही वर्तमान शाला की समय सारिणी में संबंधित विषय पढ़ाया जाना उल्लेखित होना अनिवार्य है। प्रशासनिक और विभागीय अधिकारियों की उचित मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से उक्त स्थिति बनी हुई है। बताया जाता है कि सूक्षमता से परीक्षण किया जाए तो ऐसे कई शिक्षक मिल जाएंगे जो शाला में संबंधित विषय पढ़ाते नहीं, इसके बावजूद बोर्ड परीक्षा में उत्तर-पुस्तिका का मूल्यांकन करने के लिए ड्यूटी लगाई जा रही है।
गैर शैक्षणिक स्टाफ भी कर रहा ड्यूटी –

वार्षिक मूल्यांकन कार्यक्रम में गैर शैक्षणिक स्टाफ की भी ड्यूटी लगाई जा रही है। इसमें उद्योग शिक्षक, पीटीआइ, विज्ञान प्रयोगशाला सहायक आदि शामिल है। उक्त सभी पदों को गैर शैक्षणिक पद माना गया है, इसके बाद भी इन्हें आदेश जारी किए गए है।
भत्ता का लालच भी एक वजह –

विभागीय जानकारी के अनुसार जो शिक्षक अपनी संस्थाओं में हिन्दी, अंग्रेजी, सामाजिक अध्ययन एवं विज्ञान जैसे विषयों का अध्यापन कार्य नहीं करा रहे है, वे भी 12 रुपए प्रति कॉपी तथा 250 रुपए प्रतिदिन भत्ता पाने के लालच में कॉपी जांच रहे है।
लापरवाही की होगी जांच –

नियमों को ताक पर रखकर मूल्यांकन कार्य नहीं कराया जा सकता है, यदि ऐसा हो रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही मूल्यांकन कार्य अधिकारी से इस संबंध में पूछताछ की जाएगी।
– राजेश तिवारी, उपसंचालक शिक्षा विभाग

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