छिंदवाड़ा

कुपोषित दिव्यांग के साथ ऐसा बर्ताव कि शर्मशार हो गई इंसानियत

नर्स ने हाथ में थमा दी ग्लूकोज की बॉटल, कुपोषित बालक को पीठ पर लेकर घूमता रहा पिता

छिंदवाड़ाJul 22, 2018 / 11:21 am

Dinesh Sahu

नर्स ने हाथ में थमा दी ग्लूकोज की बॉटल

छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल में अमानवीयता चरम पर है। यहां न तो मरीज को स्ट्रेचर नसीब होता और न ही उचित मार्गदर्शन मिलता है। ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मरीज वार्ड या अन्य विभाग में पहुंचने के लिए भटकते रहते हैं। असंवेदनशीलता इतनी कि मरीज के हाथ में ग्लूकोज (डीएनएस) की बॉटल थमा कर वार्ड में भर्ती होने के लिए कह दिया जाता है। शनिवार को दोपहर 12.30 बजे एेसा ही एक मामला जिला अस्पताल की ट्रामा यूनिट अंतर्गत संचालित इटेट यूनिट में देखने को मिला।

बिछुआ विकासखंड के ग्राम सामरबोह निवासी आठ वर्षीय संदीप पिता भरतरी मरावी विगत कुछ दिनों से भोजन नहीं खा पा रहा है तथा पानी भी नहीं पी रहा है। इसके कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई है। पिता उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर आया था। इटेट यूनिट में जांच के बाद आइवी सेट लगा दिया गया, लेकिन मरीज को स्टे्रचर पर ले जाकर बच्चा वार्ड में भर्ती कराने की जगह नर्स ने पिता के हाथ में ग्लूकोज की बॉटल थमा कर चले जाने को कह दिया।

दिव्यांग है बालक


महाराष्ट्र के सावनेर में दिव्यांगों के लिए संचालित स्कूल में परिजन ने बालक का दाखिला करा रखा है। जहां से कुछ दिन पहले ही वह घर आया है। पिता ने बताया कि बालक आठ-दस दिन से खा-पी नहीं रहा है। इसके कारण उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

क्या है इटेट यूनिट


गम्भीर बच्चों को तत्काल प्राथमिक उपचार दिए जाने वाला एक प्रकार का आइसीसीयू केंद्र इटेट यूनिट कहलाता है। यहां छोटे बच्चों को आकस्मिक सेवा के तहत जांच एवं उपचार तत्काल दिया जाता है तथा इसके बाद बच्चा वार्ड में भर्ती कराया जाता है। इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. जेएस गोगिया का कहना है कि वार्ड तक बच्चे को पहुंचाने की जिम्मेदारी स्टाफ नर्स की थी। लापरवाही की जांच कराई जाएगी तथा दोषियों पर कार्रवाई होगी।
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