बारिश के बाद नमी में खराब हो रहीं स्टोर में रखी दवाएं, जिला अस्तपाल: शिकायत के बाद भी नहीं दे रहे ध्यान वहीं जिला प्रशासन मामले में मौन धारण किए हुए है। उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष सीपेज और छतों से पानी टपकने के कारण कई दवाइयां खराब हो गईं थीं। सील बंद गोलियों की पैकिंग खोलने पर वे पेस्ट में तब्दील मिल रहीं थीं। इन्हीं दवाओं को मरीजों में बांटने का मामला सामने आया था। इस वर्ष भी करीब-करीब यही स्थिति बनी हुई है।
पीडब्ल्यूडी ने खड़े किए हाथ
इधर पीडब्ल्यूडी विभाग ने जिला अस्पताल की मरम्मत करने से इनकार करते हुए प्रबंधन को पत्र लिखकर सूचित कर दिया है। इसकी वजह शासन से फंड उपलब्ध न होना बताया जा रहा है। जबकि हालही में पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियर ने परिसर का सर्वे कर समीक्षा रिपोर्ट तैयार की थी। बताया जाता है कि मरम्मत के लिए लगभग १० से १५ लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है।
कायाकल्प की बैठक में उठाया मुद्दा
आरएमओ डॉ. सुशील दुबे ने बताया कि जिला अस्पताल के विभिन्न विभागों में सीपेज तथा छतों से पानी टपकने की समस्या बनी हुई है। पीडब्ल्यूडी विभाग के इनकार करने के बाद मामले को कायाकल्प की बैठक में उठाया गया, लेकिन उचित समाधान नहीं निकला। इसी वजह से मजबूरी में पन्नी बिछाकर अस्थाई व्यवस्था करनी पड़ रही है।