आवास और दुकानों के नाम पर मोटी कमाई
नगरीय क्षेत्रो में विशेष रूप से परासिया में कई लोगों ने मुख्य मार्ग पर वेकोलि की जमीन पर कब्जा कर व्यवसायिक प्रतिष्ठान तथा शो रूम बना लिए है वहीं कुछ लोग वेकोलि आवासों को पुनर्निर्माण कर दुकानों में बदल दिया है जिसको किराए पर देकर मोटी रकम प्रति माह वसूल कर रहे है। नगर में स्थित कई वेकोलि आवासों को बीस लाख से अधिक राशि लेकर अवैध रूप से विक्रय किया जा चुका है। शहर की अधिकांश जमीन वेकोलि के पास लीज पर है। निजी जमीन न होने से अतिक्रमण पैर पसार रहा रहा है।
पांच हजार से अधिक अतिक्रमण का चिन्हांकन
पूरे पेंच क्षेत्र में पांच हजार से अधिक मकानों पर गैर कामगारों का कब्जा है इसमे अधिकांश वह लोग है जो रिटायर होने के बाद आवास खाली नहीं किए है। कालांतर में खदानों के बंद होने के बाद इन आवासों की मरम्मत कराकर निवास कर रहे है। अकेले न्यूटन उपक्षेत्र में 2 हजार 700 अवैध मकान चिन्हित किए गए है जिसमें इकलेहरा, भाजीपानी, भमोड़ी, जाटाछापर, रामपुरी, नार्थचांदामेटा, बडक़ुही, न्यूटन, चांदामेटा, परासिया, बीजी सायडिंग, महादेवपुरी का इलाका शामिल है। इसमें हजार से अधिक नोटिस कब्जा खाली करने के लिए दिए जा चुके है।
3 हजार 200 आवासीय पट्टों पर लगी रोक
नगरीय क्षेत्र परासिया, चांदामेटा, बडक़ुही तथा न्यूटन में खदानों के लिए वेकोलि ने अधिकांश जमीन लीज पर ली हुई है हालांकि यहां पर खदाने बंद हो चुकी है और कई बार लीज रिनीवल को लेकर भी संशय की स्थिति उत्पन्न हुई है। चांदामेटा नगर में सरकारी जमीन नहीं होने के कारण प्रधानमंत्री आवासों के निर्माण का मामला लंबे समय तक लटका रहा वहीं सरकारी भवनों के निर्माण में भी परेशानी हुई। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने वर्षो से काबिज लोगों को पट्टा देने का प्रयास किया था लगभग तीन हजार दो सौ पट्टे बनाए जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में थी लेकिन इस मामले को लेकर वेकोलि उच्च न्यायालय चली गई जिसके बाद यह ठंडे बस्ते मे चला गया।