ज्ञापन में अनिल वर्मा समेत अन्य ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत विभिन्न जनपद पंचायतों में विगत छह सात साल से प्रेरक,स्वेच्छाग्राही और संकुलकर्ता के पद पर किसी न किसी रूप में कार्यरत रहे हैं लेकिन सितम्बर माह से सेवाएं समाप्त कर हमें निरंतर नहीं रखा जा रहा है। इसके मानदेय से परिवार का भरण-पोषण होता था। हमें मानदेय न मिलने के कारण परेशानी हो रही है । उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण से लेकर उसके उपयोग एवं खुले में जाने से मुक्ति को लेकर लगातार कार्य किया गया है लेकिन वर्तमान में कोई काम न होने के कारण परिवार के भरण-पोषण की समस्या आ गई है । इस समस्या को लेकर कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया। फिर भी ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कलेक्टर के साथ राज्य शासन का ध्यान दिलाते हुए कहा कि उनकी सेवाएं समाप्त नहीं की जाना चाहिए। इसके साथ ही रुका हुआ मानदेय भी दिया जाए।