घर के पीछे की गली पर ध्यान देगी टीम
इस बार के स्वच्छता सर्वेक्षण पर दिल्ली की टीम घर के पीछे की गली पर ध्यान देगी। हालांकि टूल किट में सर्वे ‘आरआरआर’ थीम यानी रीड्यूज, रीयूज, रीसाइकिल का जिक्र किया गया है। फिर भी बैकलेन (घर के पीछे की गली) पर विशेष फोकस किया गया है। लोग घरों से निकलने वाले कचरा को छत से पीछे वाले हिस्सों में फेंक देते हैं। निगम कर्मचारियों ने मैदानी स्तर पर इस विषय पर जागरूकता अभियान नहीं चलाया है। इससे निगम को अंक अर्जित करने में समस्या आ सकती है।पिछले साल 55वें स्थान पर था शहर
यह चिंताजनक है कि पिछले वर्ष 2023 की देशभर में एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में छिंदवाड़ा 41 अंक पिछडकऱ 55वें स्थान पर पहुंच गया था। इससे पहले 2022 में यह रैंकिंग 14वीं थी। इस वर्ष 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में अंकों में रिकवरी की उम्मीद की जा रही है। केंद्रीय दल जनवरी में शहर में आ सकता है। कचरा कलेक्शन से लेकर जागरूकता गतिविधियों का इम्तिहान होगा।मैदानी स्तर पर नहीं दिख रहीं तैयारियां
शहर के दो-चार वार्ड छोड़ दिए जाए तो मैदानी स्तर पर स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियां दिखाई नहीं दे रही हैं। शेष वार्ड के गली-मोहल्लों में कचरा दिखाई दे रहा है। स्वच्छता कर्मचारियों के कामकाज पर फोकस नहीं किया गया है। नगर निगम स्तर पर महापौर और आयुक्त स्वच्छता तैयारियों की बैठक ले रहे हैं, लेकिन गली-मोहल्ले में सफाई, नाली सफाई समेत अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी उन तक नहीं पहुंच रही है। जिन पर ध्यान केन्द्रित करना होगा।स्वच्छता सर्वेक्षण में हर अधिकारी-कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस बार नगर निगम पिछले साल की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन करेगा। हम देश की रैंकिंग में बेहतर स्थान बनाने में सफल हो पाएंगे।
-विक्रम अहके, महापौर