साइकिल पर स्वीटजरलैण्ड का इंजीनियर, ये बुने हैं ख्वाब
महानगर मुम्बई से गियोम ने अपनी साइकिल यात्रा की शुरुआत की

छिंदवाड़ा. स्वीटजरलैण्ड के २५ वर्षीय मेकेनिकल इंजीनियर गियोम को भारत इतना पसंद आया कि वह साइकिल लेकर इस देश की संस्कृति, मैत्रीभाव और मेहमाननवाजी की सदियों पुरानी परम्परा से परिचित होने निकल पड़े। करीब आठ हजार किमी की उनकी यात्रा का पड़ाव जब तामिया में हुआ तो वे इस कस्बे के पे्रम को देखकर चार दिन तक न केवल मेहमान बने बल्कि पातालकोट के सौंदर्य को निहारा। इसके साथ चिरपरिचित पारम्परिक भारिया व्यंजन का लुत्फ भी उठाया।
पिछले साल 15 नवम्बर १7 को पश्चिम भारत के महानगर मुम्बई से गियोम ने अपनी साइकिल यात्रा की शुरुआत की थी। गोआ,दक्षिण भारत के सभी राज्य होते हुए छतीसगढ़ और नागपुर का भ्रमण करने के बाद यह युवा इंजीनियर एक परिचित अनिल जायसवाल की सलाह पर तामिया पहुंचा। यहां पर्यटन गाइड पवन श्रीवास्तव के साथ पातालकोट के गांवों में गए। उन्होंने पातालकोट के कारेआम गांव में कमलसी भारती और श्रीमती बुधिया भारती के घर पर पातालकोट की रसोई का पारंपरिक भोजन किया और परम्परागत साधनों पर रात्रि विश्राम किया। वे इन आदिवासी परिवारों के अतिथि सत्कार को देखकर अभिभूत हो गए। जिसकी कल्पना उन्होंने यूरोप में कभी नहीं की थी।
विविध संस्कृति पर प्रेम व मैत्रीभाव
तामिया प्रवास के दौरान गियोम का कहना पड़ा कि भारत में भाषा-बोली और संस्कृति में विविधता के बावजूद मैत्रीभाव, प्रेम और मेलजोल की भावना के दर्शन होते हैं। इस देश के प्रति आकर्षण और उसे जानने-समझने की महत्वाकांक्षा ने उन्हें साइकिलिंग पर्यटन के लिए प्रेरित किया। वे साइकिल से भारत भ्रमण पर निकल पड़े। पातालकोट के बारे में इस अंग्रेज युवा ने कहा कि मध्यभारत में यह स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसका प्राकृतिक सौंदर्य और आबोहवा तथा आतिथ्य सत्कार ने उन्हें खुश कर दिया। वे अपने देश में यह सोच भी नहीं सकते थे कि एेसे स्थल भी देख पाएंगे। इस गांव में लोग एक ही थाली में एक साथ खा लेते हैं जबकि यूरोप में यहीं गुस्से का कारण बन जाता हैं। वे जाते-जाते कह गए कि देश और दुनिया में जहां जाएंगे,पातालकोट का प्रचार करेंगे।
नेपाल तक पूरी करेंगे यात्रा
तामिया से निकलने के बाद गियोम का अगला पड़ाव सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी है। उसके बाद भोपाल, सांची होते हुए राजस्थान,उत्तराखंड के लिए निकलेंगे। नेपाल में इस साइकिल यात्रा का समापन करेंगे। इस दौरान वे आठ हजार किमी की यात्रा पूरी कर लेंगे। गियोम को तकलीफ सिर्फ यह है कि हाइवे पर रोड अच्छी है पर ट्राफिक खतरनाक है। खास तौर पर जब गाडि़यां एक-दूसरे को आेवरटेक करती है। तब नीचे आना पड़ता है।
जाते-जाते दे गए ये मंत्र
गियोम तामिया से जाते-जाते ये मंत्र दे गए कि जीवन में मितव्ययता के साथ धूम्रपान से दूर रहो। हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहो। उनकी अगली कार्ययोजना में सोलर एनर्जी है। जिस पर वे काम करना चाहते हैं।
अब पाइए अपने शहर ( Chhindwara News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज