ऐसे तय होगी दंड की कार्रवाई –
1. वार्षिक परीक्षा परिणाम में 10 प्रतिशत की कमी होने पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
2. तय लक्ष्य से 11 से 20 प्रतिशत की कमी होने पर एक वेतनवृद्धि रोकी जाएगी।
3. तय लक्ष्य से 21 से 40 फीसदी की कमी होने पर दो वेतनवृद्धि रोकी जाएगी।
4. वार्षिक परीक्षा परिणाम में 40 फीसदी से ज्यादा की कमी होने पर विभागीय जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
चार श्रेणियों में विद्यार्थियों की संख्या का आकलन ऐसे होगा –
1. श्रेणी-1 (ए-प्लस) 80 प्रतिशत या इससे अधिक अंकों का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
2. श्रेणी-2 (ए) 60 से 79 प्रतिशत तक अंक का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
3. श्रेणी-3 (बी) 45 से 59 प्रतिशत तक अंक का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
4. श्रेणी-4 (सी) 33 से 44 प्रतिशत तक अंक का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
उत्कृष्ट एवं मॉडल स्कूलों के संदर्भ में ऐसे होगा आकलन –
1. श्रेणी-1 (ए-प्लस) 90 प्रतिशत या इससे अधिक अंकों का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
2. श्रेणी-2 (ए) 80 से 89 प्रतिशत तक अंक का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
3. श्रेणी-3 (बी) 70 से 79 प्रतिशत तक अंक का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।
4. श्रेणी-4 (सी) 60 से 69 प्रतिशत तक अंक का लक्ष्य निर्धारित करने वाले विद्यार्थियों की संख्या।