छिंदवाड़ा

दिसंबर के पूर्व इस नदी ने तोड़ा दम, तो मच सकता है हाहाकार

दस दिनों में सिर्फ 1.90 मीटर जलस्तर ही बढ़ा

छिंदवाड़ाJul 26, 2018 / 12:55 pm

vinay purwar

दिसंबर के पूर्व इस नदी ने तोड़ा दम, तो मच सकता है हाहाकार

छिंदवाड़ा. 15 जुलाई तक जलसंकट की मार झेल रहे कन्हरगांव डैम में मानसून की मेहरबानी 16 जुलाई से हुई और दस दिनों में706.11 मीटर का जलस्तर 1.90 मीटर बढ़ते हुए 708.01 मीटर तक पहुंच गया, लेकिन डैम का यह जलस्तर पुन: एक वर्ष के पानी की सप्लाई के लिए ऊंट के मुंह में जीरा बराबर है। दरअसल पिछले वर्ष डैम का लेबल सिर्फ 711.50 मीटर तक ही भर सका था। जिसकी सप्लाई तीन जुलाई तक नियमित की जा सकी थी। यह सप्लाई 30 जुलाई तक भी हो सकती थी यदि जनवरी में पौन मीटर ऊपरी स्तर का पानी दूसरे कार्यों के लिए नहीं लिया गया होता, लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि दिसंबर 2017 तक निगम द्वारा कुलबहरा नदी से फिल्टर प्लांट के लिए पानी लिया जाता रहा। इसके बावजूद जून के बाद पानी की कमी पड़ गई।
नदी 50 प्रतिशत पानी की सप्लाई का सहारा :

उपयंत्री आरके सहस्त्रबुद्धे की माने तो कुलबहरा नदी 50 प्रतिशत पानी की सप्लाई का सहारा है। यदि वह दिसंबर तक बहती है, तब ही711.50 मीटर के डैम के जलस्तर से जुलाई तक पानी शहर को नियमित दिया जा सकेगा।
इस बीच यदि बारिश कम हुई और कुलबहरा ने पहले ही दम तोड़ा तो इस वर्ष गर्मियों में ही हालत नाजुक हो सकते हैं। कुलबहरा पर निर्भरता खत्म होने के लिए डैम का 713.80 मीटर के स्तर पर होना जरूरी है। बता दें कि माचागोरा डैम में जलस्तर संतोष जनक है और अपनी पूरी क्षमता से साढ़े तीन मीटर ही कम है। वर्तमान में माचागोरा डैम का जलस्तर 622.25 मीटर है।
विद्युतकर्मियों के लिए ५० प्रतिशत बिजली बिल में छूट की मांग
छिंदवाड़ा. यूनाइटेड फोरम द्वारा संविदा आउटसोर्स विद्युत कर्मियों के लिए 50 प्रतिशत एवं सेवानिवृत विद्युत कर्मचारियों के लिए 25 प्रतिशत बिजली के बिल में छूट की मांग की है। यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लाइज एण्ड इंजीनियर्स के प्रांतीय संयोजक वीके एस परिहार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि विद्युत अधिकारी, कर्मचारियों के फ्रिंच बेनिफिट जिसमें विभिन्न भत्ते शामिल हैं।

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