scriptबिना कान के जन्मे शिशु को देखने लगी लोगों की भीड़, जानें पूरा मामला | The crowd of people who see the baby born without ear | Patrika News

बिना कान के जन्मे शिशु को देखने लगी लोगों की भीड़, जानें पूरा मामला

locationछिंदवाड़ाPublished: Dec 23, 2018 11:48:16 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

मॉडल मेटर्निटी विंग में बिना कानों के जन्मे शिशु को लेकर विभाग में हलचल मच गई

The crowd of people who see the baby born without ear

The crowd of people who see the baby born without ear

छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल की मॉडल मेटर्निटी विंग में बिना कानों के जन्मे शिशु को लेकर विभाग में हलचल मच गई। जन्म लेने वाले शिशु को देखने के लिए लोगों की उत्सुकता बड़ गई। हालांकि शिशु को सांस लेने में तकलीफ होने तथा फेफड़े में संक्रमण की वजह से उपचार के लिए एसएनसीयू विभाग में रखा गया था। डॉक्टरों के मुताबित अनुवांशिक रोग या प्रसूता के संक्रामक रोगों से पीडि़त होने से एेसी स्थिति बनती है।
अनुवांशिक या संक्रमण बनी वजह, बिना कानों के जन्मा शिशु

बताया जाता है कि कई बार इन मामलों में शिशु का आंतरिक विकास भी नहीं हो पाता है। कानों के अलावा मानसिक विकास भी नहीं हो पाता है। हालांकि जांच के बाद ही स्थिति साफ होती है। इएनटी विशेषज्ञ डॉ. सुशील दुबे का कहना है कि लाखों में कोई एक प्रकरण इस तरह का देखने को मिलता है।
डॉ. दुबे ने बताया कि शिशु का बाहरी कान विकसित नहीं हुआ है, लेकिन आंतरित और मध्य कान बने हंै। रेडियशन की वजह से तत्काल एडवांस तकनीकी की बेरा टेस्ट सम्भव नहीं है। छह माह से लेकर एक वर्ष तक उक्त जांच की जा सकती है। डॉ. दुबे ने बताया कि पूर्व में यही जांच करीब तीन साल बाद किसी बर्तन या घंटी बजाकर की जाती थी।

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