योग में डिग्री करने वाले भी दे सकेंगे नेट
छिंदवाड़ाPublished: Nov 30, 2016 11:57:00 am
योग विषय मेें मास्टर डिग्री कर चुके और कर रहे छात्रों के लिए एक अच्छी
खबर है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट
(नेट) में योग को बतौर विषय शामिल कर लिया है।
छिंदवाड़ा . योग विषय मेें मास्टर डिग्री कर चुके और कर रहे छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) में योग को बतौर विषय शामिल कर लिया है। इसके साथ ही योग विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का रास्ता साफ हो गया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन द्वारा जनवरी-2017 में आयोजित की जाने वाली यूजीसी-नेट में योग 100 वां विषय होगा। यूजीसी ने इसका सिलेबस जारी कर दिया है।
प्रदेश के विश्वविद्यालयों से योगिक साइंस में हर वर्ष 150 से ज्यादा छात्र मास्टर डिग्री लेे रहे हैं। बीते 15 वर्षों में ही यह संख्या 2000 के आसपास पहुंच चुकी है। डिग्री लेकर निकले यह छात्र अब बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कॉलेजों में पढ़ाने के लिए पात्र हो सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा पहली बार योग को अलग से एक विषय के रूप में नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) में शामिल करने के फैसले से हजारों छात्रों को राहत मिली है।
दो माह बाद होगी परीक्षा
अधिकारियों के अनुसार 22 जनवरी 2017 में होने वाली यूजीसी-नेट में योग में मास्टर डिग्री प्राप्त छात्र शामिल हो सकेंगे। इससे पहले योग बतौर एक टॉपिक के रूप में संस्कृत विषय में शामिल था। पिछले तीन-चार सालों से यूजीसी में योग विषय को भी नेट की सूची में शामिल करने की कवायद चल रही थी। इसके पीछे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में योग विभाग और इसी विषय में मास्टर डिग्री कोर्स खुलना है।
बढ़ रहा रुझान
यूजीसी के मापदंड के अनुसार योग में मास्टर डिग्री को पढ़ाने के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के पास नेट या पीएचडी होना जरूरी है। जिस तेजी से छात्रों में योग विषय के प्रति रुझान बढ़ा है और मास्टर डिग्री के लिए छात्रों के आवेदन आ रहे हैं उसके मुकाबले योग में पीएचडी धारियों की संख्या काफी कम है।
यूजीसी ने योग को नेट की परीक्षा के विषयों में शामिल कर लिया है। 22 जनवरी को होने वाली नेट परीक्षा में योग में मास्टर डिग्री प्राप्त छात्र शामिल हो सकेंगे।
प्रो.जसपाल सिंह सिद्धू सचिव, यूजीसी