इसके चलते गायनिक विभाग को अपग्रेड किए जाने के लिए शासन की ओर से बजट भी स्वीकृत किया गया, लेकिन संक्रमण की कल्चर जांच नहीं हो पाने से अब तक आधुनिक लेबर रूम की सेवा नही मिल पा रही है। जानकारी के अनुसार विभाग को कई अत्याधुनिक यंत्रों से सुसज्जित किया गया है, ताकि आधुनिक लेबर रूम में अपेक्षाकृत ज्यादा डिलेवरी एक दिन में की जा सके।
क्षमता से अधिक मरीजों के पहुंचने बढ़ रही दिक्कतें
1. 120 पलंग, वर्तमान में गायनिक विभाग की क्षमता
2. 300 पलंग की दरकार प्रतिदिन मरीजों के पहुंचने के आधार पर
3. 50 पलंग ही अतिरिक्त व्यवस्था बनाने के लिए उपलब्ध
4. सामान्य डिलेवरी पर ज्यादा समय तक नहीं रखा जाना मजबूरी।
5. वर्तमान में लेबर रूम के लिए 16 तथा वार्ड में दो-दो स्टाफ की जरूरत।
यह है गाइडलाइन
स्वास्थ्य संचालनालय की गाइडलाइन के आधार पर गायनिक विभाग में छह मरीज पर एक नॄसग स्टाफ, आइसीसीयू में एक मरीज पर एक स्टाफ व सामान्य मरीजों की स्थिति में दस पर एक स्टाफ पदस्थ होना अनिवार्य है