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कलेक्टर की हिदायत के बाद भी इन्हें नहीं पड़ता फर्क, देखें लापरवाही का वीडियो

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 25, 2018 11:20:03 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

जिला अस्पताल: ट्रामा यूनिट में मचाया हंगामा, ले गए निजी अस्पताल, मरीज को लेकर घंटों भटकते रहे परिजन, नहीं मिले डॉक्टर

The difference, despite the instructions of the collector

The difference, despite the instructions of the collector

छिंदवाड़ा. जिला अस्पताल की व्यवस्था सुधारने प्रशासन प्रभारी अधिकारी नियुक्त कर कितनी भी मॉनिटरिंग करा ले अथवा सख्ती बरत ले, डॉक्टरों की कार्यशैली में सुधार नहीं आ सकता। यहां आपातकालीन की स्थिति में भी आने वाले मरीजों को राहत नहीं मिलती है। जिला अस्पताल की ट्रामा यूनिट में सोमवार दोपहर एक बजे यही देखने को मिला। पीडि़त रोते-बिलखते मरीज की जान बचाने के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की।

दरअसल, परासिया विकासखंड के अंतर्गत शिवपुरी के उरधन निवासी एक महिला को हृदयघात हुआ था। उपचार के लिए परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। परिजन ने बताया कि वह एक घंटे तक इधर से उधर भटकते हुए ट्रामा यूनिट भी गए, लेकिन किसी भी डॉक्टर ने उनकी सुध नहीं ली, जबकि उन्होंने ओपीडी पंजीयन विभाग से पर्ची भी बनवा ली थी। इतना ही नहीं किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी ने उनका मार्गदर्शन नहीं किया और न ही स्टे्रचर उपलब्ध कराया। इस लापरवाही की वजह से लोग आक्रोशित हो गए तथा काफी देर तक हंगामा किया।

मजबूरी में ले जाना पड़ा निजी हॉस्पिटल


शासन से लाखों रुपए की तनख्वाह पाने वाले डॉक्टर मरीज की स्थिति देखने के बाद भी जगह से उठते तक नहीं हैं। देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक लाखों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन लचर प्रबंधन के चलते मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। उक्त घटना में जब जिला अस्पताल से राहत नहीं मिली तो मजबूरी में परिजन मरीज को निजी हॉस्पिटल लेकर गए।

एक दिन पहले ही कलेक्टर ने दी थी हिदायत


जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर नहीं बेहतरीन बनाने के लिए एक दिन पहले ही रविवार को कलेक्टर वेदप्रकाश ने चिकित्सा अधिकारियों तथा कर्मचारियों को हिदायत दी थी। इसके बाद भी डॉक्टरों की कार्यशैली में गम्भीरता नजर नहीं आई।
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