जिला पंचायत सदस्य नागवंशी ने बताया कि इस संदर्भ में उन्होंने कई बार सिविल सर्जन को सूचना दी, सिविल सर्जन ने डॉक्टर को भेजने का आश्वासन दिया, लेकिन दोपहर से शाम तक किसी डॉक्टर ने मरीज का हाल जानने का प्रयास नहीं किया। जब जिला अस्पताल में आराम नहीं लगा तो वे अपने भाई को १ सितम्बर २०१७ को दोपहर ४ बजे नागपुर लेकर गई, जहां डॉक्टर ने मरीज की हालत को नाजुक बताया तथा तत्काल आईसीसीयू वार्ड में भर्ती किया गया। जिला पंचायत सदस्य अंगूरी का आरोप है कि डॉक्टर समय रहते उन्हें नागपुर ले जाने तथा मरीज की तबीयत सामान्य बताकर गुमराह नहीं करते तो शायद इतनी गम्भीर स्थिति निर्मित नहीं होती।
नागपुर में बताया डेंगू पॉजिटिव
गम्भीर स्थिति में नागपुर ले गए सुरेश नागवंशी को डॉक्टर ने डेंगू पॉजिटिव बताया। इसके साथ ही ब्रेन, लीवर तथा लंग्स में खराबी आना बताया गया है। बताया जाता है कि समय रहते मरीज को नागपुर लाया गया होता तो स्थिति नियंत्रण रहती।
आपत्ति पर कराई जाएगी जांच
सिविल सर्जन डॉ. जेएस गोगिया ने बताया कि मरीज की जांच के लिए एक बार डॉ. मनीष गठोरिया तथा दूसरी बार डॉ. अजय मोहन वर्मा को भेजा गया था। दोनों ही डॉक्टरों ने मरीज की उचित जांच और उपचार किया है। इसके बावजूद किसी को आपत्ति हो तो इसकी जांच कराई जाएगी तथा मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्टे्रचर खींच रहे मरीज के परिजन
जिला अस्पताल में मरीजों को आसान और उचित सुविधा देने का दावा करने वाले प्रबंधन की हकीकत शनिवार को सामने आई है। जहां पर मरीजों को न तो समय पर स्टे्रचर मिलती है और न खींचने के लिए वार्डव्बाय रहते हंै। मजबूरी में परिजन को स्वयं स्टे्रचर खींचकर अथवा नहीं मिलने पर गोद में उठाकर मरीज को डॉक्टर के पास ले जाना पड़ता है।