scriptआजादी के पहले बने प्रीति पुल का अस्तित्व संकट में | The existence of Preeti bridge built before independence is in danger | Patrika News

आजादी के पहले बने प्रीति पुल का अस्तित्व संकट में

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 28, 2021 11:09:20 pm

जानकारी के अनुसार कन्हान व्हेल कोल कंपनी ने वर्ष 1935 में पुल को बनवाया था। बाद में कोल माइंस ने वर्ष 1980 में प्रीतिपुल का ऊपरी भाग बनवाया। इसके पिलर पुराने ही हैं।

pritipul

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छिंदवाड़ा/दमुआ. कोयला खदानों में काम बंद होने के बाद कन्हान नदी पर बने प्रीति पुल का अस्तित्व भी संकट में है। अब कोयला खदानें भी करीब बंद है। मिली जानकारी के अनुसार कन्हान व्हेल कोल कंपनी ने वर्ष 1935 में पुल को बनवाया था। बाद में कोल माइंस ने वर्ष 1980 में प्रीतिपुल का ऊपरी भाग बनवाया। इसके पिलर पुराने ही हैं। पतिर फंसाकर एक दूसरे में कसे हुए यह पिलर अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। हालत यह है कि पिलर की कांक्रीट उखड़ती जा रही है, जिससे पुल के ढहने की आशंका है।
भारी वाहनों का आवागमन रोका
पुल के जर्जर हाल को देखते हुए कॉलोनी प्रबंधन ने भारी वाहनों के प्रवेश पर अंकुश लगाने के लिए एंगल लगा दिए हैं। साथ ही 6 वर्ष पूर्व पुल से भुजलिया मेले के दौरान हुए हादसे के बाद प्रबंधन ने पुल के दोनों लोहे की रैलिंग लगवा दी थी। लोगों का आरोप है कि वेकोलि की इस पुल के जीर्णोद्वार में रूचि भी नहीं है ।
कई गांवों के लोग करते हैं आवागमन
अब लोग स्थानीय निकाय से पुल की मरम्मत कराने की आस लगाए बैठे हैं। इस पुल से जोडऩे वाले नगर के 6 वार्ड नंदन में हैं। इसी पुल के माध्यम से अनेक गांवों के लोगों का आना-जाना लगा रहता है। प्रीतिपुल के लिए नपा ने प्रयास किए, परन्तु शासन द्वारा राशि नहीं दी गई। इस सम्बंध में नगरपालिका अध्यक्ष सुभाष गुलबाके ने बताया कि प्रीतिपुल निर्माण के लिए नगरपालिका परिषद की बैठक में 4.50 करोड़ के ऋण का प्रस्ताव 24 सितम्बर 2019 को लिया गया था। शासन से पत्र व्यवहार किया गया। नगरपालिका की पिछले साल 31 जनवरी को पीआइसी की बैठक में प्रीतिपुल निर्माण के लिए निविदा, डीपीआर तैयार किए जाने की प्रक्रिया पूर्ण की गई परन्तु शासन की ओर से आर्थिक मदद नहीं मिली। नपा निरंतर प्रयासरत है।

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