विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन मॉनिटरिंग नहीं होने से यह स्थिति बनी है। संयुक्त संचालक शीतांशु शुक्ला ने समीक्षा में सामने आई लापरवाही पर खेद व्यक्त किया है। बताया जाता है कि कई उत्कृष्ट स्कूलों में वर्चुअल क्लास समय पर लॉगिन ही नहीं की जा रही है तथा जहां की जाती है वहां कुछ समय बाद बंद कर दी जाती है। संयुक्त संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हंै कि वे वर्चुअल क्लास लॉगिन की मॉनिटरिंग करें तथा लापरवाह प्राचार्य, कस्टोडियन टीचर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही तकनीकी खराबी का निराकरण स्थानीय स्तर पर करें।
औपचारिकता में पूरी की गई परीक्षा, ऑलम्पियाड के आयोजन में बरती लापरवाही
राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार रविवार को विभिन्न केंद्रों में गणित ऑलम्पियाड परीक्षा आयोजित की गई। कई पंजीकृत विद्यार्थियों ने परीक्षा नहीं दी, इसकी वजह विद्यार्थियों को उचित प्रशिक्षण और प्रेरित नहीं कर पाना बताया जाता है। साथ ही परीक्षा केंद्रों में विभागीय अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग भी नहीं किया जाना शामिल है। बताया जाता है कि शासन से हर बार बजट स्वीकृत होता है, लेकिन इस बार फंड आवंटित नहीं होने से परीक्षा को गम्भीरता से नहीं लिया गया।
ऑलम्पियाड परीक्षा में माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थी शामिल होते हंै। जिला शिक्षा केंद्र छिंदवाड़ा के परियोजना समंवयक जीएल साहू ने बताया कि वह अवकाश पर हंै, लेकिन विभाग के समस्त एपीसी को कार्यक्रम की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। जिले में दर्ज 5232 विद्यार्थियों में से 3809 उपस्थित और 1423 अनुपस्थित रहे।