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स्कूलों को शासन ने दिया लक्ष्य, पिछडऩे पर होगी कार्रवाई

locationछिंदवाड़ाPublished: Sep 16, 2018 11:43:53 am

Submitted by:

prabha shankar

उत्कृष्ट-मॉडल स्कूलों को देना होगा 90 प्रतिशत रिजल्ट

Case of gyanodaya School

Case of gyanodaya School

छिंदवाड़ा. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार एवं वार्षिक परीक्षा परिणाम में वृद्धि को प्राथमिकता देते हुए शासन ने सत्र 2018-19 के लिए उत्कृष्ट-मॉडल तथा हाई-हायर सेकंडरी स्कूलों के लिए परीक्षा परिणाम के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। निर्धारित लक्ष्य से कम परिणाम आने पर सख्त कार्रवाई होगी तो उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित भी किया जाएगा।
बताया जाता है कि विगत वर्षों के परीक्षा परिणाम संतोषजनक नहीं मिलने तथा आवश्यक मॉनिटरिंग नहीं होने से यह स्थिति बन रही है। शासन ने परीक्षा परिणाम में वृद्धि के लिए शिक्षा विभाग की प्रत्येक इकाई की भूमिका तथा जिम्मेदारी निर्धारित कर दी है। लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत ने समस्त शासकीय हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों के विषय शिक्षक एवं प्राचार्यों का 30 सितम्बर 2018 तक लक्ष्य निर्धारण कर प्रकिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। कहा गया कि जिला शिक्षा अधिकारी उक्त निर्देशों का पालन नहीं करने वाले प्राचार्यों की रिपोर्ट तैयार करेंगे।

त्रैमासिक परीक्षा परिणाम बनेगा आधार
स्कूल स्तर पर होने वाली कार्रवाई में विषय शिक्षक प्रवेशित छात्रों का पिछली कक्षा एवं त्रैमासिक परीक्षा के परिणाम में सम्बंधित विषय में प्राप्तांक के आधार पर विद्यार्थी के स्तर का आंकलन करेगा। रुचि, क्षमता, वर्तमान परिस्थितियों तथा शैक्षिक कौशल के आधार पर विषय शिक्षक एवं विद्यार्थी आपस में चर्चा के बाद सत्र 2018-19 की परीक्षा के लिए लक्ष्य निर्धारित करेंगे। बताया जाता है कि लक्ष्य का निर्धारण वास्तविक, व्यावहारिक तथा प्राप्त करने योग्य हो व गतवर्ष के परीक्षा परिणाम से न्यूनतम 10 प्रतिशत अधिक होना जरूरी है।

प्राचार्य तय करेंगे कक्षावार औसत लक्ष्य
प्राचार्य समस्त कक्षाओं के विषय शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा तय किए गए लक्ष्य के आधार पर संस्था का कक्षावार औसत लक्ष्य निर्धारित करेंगे तथा प्रत्येक विषय शिक्षक के पास उनके एवं विद्यार्थियों द्वारा तय किए गए लक्ष्य की हार्ड कॉपी उपलब्ध होगी। साथ ही उक्त कॉपी को विमर्श पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा तथा प्रक्रिया की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाएगी।

लक्ष्य न हासिल करने पर यह होगी कार्रवाई
– लक्ष्य में 10 प्रतिशत की कमी होने पर
– निर्धारित लक्ष्य में 11 से 20 प्रतिशत की कमी होने पर
– निर्धारित लक्ष्य में 21 से 40 प्रतिशत की कमी होने पर
– निर्धारित लक्ष्य में 40 से अधिक कमी होने पर

कार्रवाई का विवरण
– कोई कार्रवाई नहीं
– एक वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकी जाएगी।
– दो वेतनवृद्धि संचयी प्रभाव से रोकी जाएगी।
– विभागीय जांच कराकर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी

निर्धारित किया गया लक्ष्य
उत्कृष्ट एवं मॉडल स्कूल के लिए चार श्रेणियों में विद्यार्थियों की संख्या का आंकलन किया जाएगा। इसमें श्रेणी-1 (ए-प्लस) 90 प्रतिशत या इससे अधिक अंक का लक्ष्य निर्धारित करने वाले छात्रों की संख्या। श्रेणी-2 (ए) 80 से 89 प्रतिशत अंक का लक्ष्य तय करने वाले विद्यार्थी। श्रेणी-3 (बी) 70 से 79 प्रतिशत तक अंक तय करने वाले विद्यार्थी तथा श्रेणी-44 (सी) 60 से 69 प्रतिशत तक अंक तय करने वाले विद्यार्थियों की संख्या शामिल है। वहीं शेष अन्य स्कूलों में श्रेणी-1 में (ए-प्लस) 80 प्रतिशत या इससे अधिक। श्रेणी-2 (ए) 60 से 79 प्रतिशत, श्रेणी-3 (बी) 45 से 59 प्रतिशत तथा श्रेणी-4 (सी) 33 से 44 प्रतिशत तक अंक का लक्ष्य निर्धारित करने वाले छात्रों की संख्या होगी।

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