कस्बे की जिन्दगी नहीं आ रही रास , विदेश में रहे दम्पती में अनबन
तीन साल जर्मनी में रहे दंपती को भारत लौटना पड़ा। दोनों वहां नौकरी करते थे। छह साल की एक बेटी भी है। कोरोना की वजह से दंपती को कस्बे में अपने पुश्तैनी घर लौटना पड़ा। संयुक्त परिवार के साथ रह रहे पति-पत्नी में अब अनबन होने लगी है। पति की शिकायत है कि पत्नी उसे परिवार से अलग रहने का दबाव डाल रही है।
छिंदवाड़ा
Published: May 22, 2022 10:19:30 pm
छिन्दवाड़ा/ परासिया. तीन साल जर्मनी में रहे दंपती को भारत लौटना पड़ा। दोनों वहां नौकरी करते थे। छह साल की एक बेटी भी है। कोरोना की वजह से दंपती को कस्बे में अपने पुश्तैनी घर लौटना पड़ा। संयुक्त परिवार के साथ रह रहे पति-पत्नी में अब अनबन होने लगी है। पति की शिकायत है कि पत्नी उसे परिवार से अलग रहने का दबाव डाल रही है। परिवार परामर्श केंद्र में शनिवार को हुई सुनवाई में सहमति न बनने पर अगली पेशी दी गई। एक प्रकरण में सात वर्ष के दाम्पत्य जीवन के बाद पति -पत्नी में अनबन होने लगी है। इनके 6 वर्ष की एक बच्ची है, उच्च शिक्षा प्राप्त पति ने अपनी इंजीनियर पत्नी के व्यवहार से परेशान होकर केन्द्र में शिकायत की। पति तीन वर्ष जर्मनी में नौकरी के बाद भारत लौट आया। पत्नी भी उसके साथ कार्यरत रही है। अब पत्नी अपनी सास और पति के पुश्तैनी घर में खुश नहीं है वह पति को अन्यत्र रहने के लिए बाध्य कर रही है। केन्द्र में दोनो ंपक्षों के परिजन के बीच बहस और तकरार हुई। सलाहकारों की समझाइश के बाद पति-पत्नी ने सोच विचार के लिए 15 दिनों का समय मांगा। एक अन्य प्रकरण में प्रेमी-प्रेमिका ने अंतरजातीय विवाह किया। संयुक्त परिवार में पत्नी के एडजेस्ट न होने के कारण विवाद बढता गया। केन्द्र में दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे। समझाइश पर पति अलग कमरा लेकर रहने के लिए तैयार हो गया परन्तु पत्नी किसी भी स्थिति में समझने के लिये तैयार नहीं हुई। समझौते की गुंजाइश नहीं होने पर उन्हें न्यायालय जाने की सलाह दी गई। परामर्श केन्द्र में सलाहकार केपी पांडे, जेठू लाल सोनी, शांति तिवारी, संगीता श्रीवास्तव, सुशीला झाड़े एवं डेस्क प्रभारी वंदना वघेल उपस्थित रही।

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