छिंदवाड़ाPublished: Mar 20, 2019 11:27:16 am
manohar soni
ठंडे बस्ते में पड़ा शहर का एलइडी बल्व का प्रोजेक्ट,पुरानी तकनीक ढो रहा नगर निगम
Power Consumer Toll Free Numbers Can Complain
छिंदवाड़ा.एलइडी की अत्याधुनिक तकनीक आने के बाद भी नगर निगम शहर में स्ट्रीट लाइट की रोशनी में बदलाव नहीं कर सका है। अभी भी गली मोहल्लों से लेकर मुख्य मार्ग पर वर्षो पुराने 150 से 400 वॉट के सोडियम,मेटल बल्व तथा ट्यूब लाइट जल रही है। जिस पर हर माह 18 लाख रुपए की चपत लग रही है। एलइडी लाइट के लिए शिवराज सरकार के समय प्रयास भी हुए लेकिन परवान न चढ़ पाए। नतीजा पुरानी तकनीक पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है।
नगर निगम के शहरी और ग्रामीण इलाकों की स्ट्रीट लाइट को देखा जाए तो ट्यूब लाइट,सोडियम,मेटल बल्वों की संख्या करीब 10 हजार 33 है। सडक़ की रोशनी करने के लिए शाम 6 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक ये लाइट प्रतिदिन जलाए जाते हैं। बीस साल पहले की तकनीक पर आधारित ये लाइट समय के साथ पुराने हो गए हैं। जबकि वर्तमान में सडक़ रोशनी के लिए 90 से 120 वॉट के एलइडी बल्व उपलब्ध है। इन्हें पूरे शहर में लगाई जाए तो कम से कम 40 फीसदी तक बिजली बचाई जा सकती है। इससे निगम का बिजली बिल भी 18 लाख से सिमटकर 12 लाख रुपए तक आ सकता है।
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टेंडर न हो पाने से अटक गया मामला
शहर में एलइडी बल्व की रोशनी के लिए शिवराज सरकार के समय प्रयास किए गए थे। उस समय छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर जिले के 32 नगरीय निकायों का कलस्टर बनाया गया था और उसके करीब 22 करोड़ रुपए के टेंडर होनेवाले थे। किसी वजह से ये टेंडर नहीं हो पाए। कांग्रेस सरकार आने के बाद इस पर किसी ने रुचि नहीं ली है। इसके चलते मामला जहां का तहां अटका हुआ है। इसके टेंडर हो जाए या फिर नगरीय प्रशासन विभाग सीधे निगम को यह काम दे दें तो एलइडी बल्व से शहर रोशन हो सकता है।
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जर्जर हालत में धक्काछाप तीन वाहन
नगर निगम की विद्युत शाखा के पास जर्जर हालत में तीन धक्काछाप एक 407 वाहन,दूसरा जीप और तीसरा एक अन्य वाहन है। इन वाहनों के साथ कर्मचारियों को शहरी और ग्रामीण इलाकों की स्ट्रीट लाइट सुधारनी पड़ती है। वे लम्बे समय से नए वाहन की मांग कर रहे हैं। अभी तक इसे पूरा नहीं किया गया है।
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इनका कहना है..
शहर की सडक़ों पर में एलइडी बल्व लगाने का काम नगर निगम को स्वतंत्र रूप से देने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग को पत्र लिखा गया है। इसकी अनुमति आने पर आगे का काम शुरू हो पाएगा।
-आरके सहस्त्रबुद्धे,प्रभारी अधिकारी विद्युत शाखा नगर निगम।