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पैरों से लाचार पर मजबूत इरादे है इस दिव्यांग छात्रा के, हैरत में लोग

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 10, 2018 11:22:14 am

Submitted by:

Dinesh Sahu

दिव्यांग बिटिया की पीड़ा: शासन से मदद की दरकार, पढऩा चाहती है अनामिका पर स्कूल की डगर बड़ी कठिन

पैरों से लाचार पर मजबूत इरादे है इस दिव्यांग छात्रा के, हैरत में लोग

The Pain of Divyang Bitiya: The Need for Help from the Government

छिंदवाड़ा. दोनों पैर से दिव्यांग, लेकिन इरादों से पक्की बेटी स्कूल पढऩा चाहती है तथा आगे चलकर बड़ा अधिकारी बनने की इच्छा है। बेटी अनामिका के हौसले इतने बुलंद हैं कि व्हीलचेयर को सहारा देने वाला जब कोई न मिले तो वह स्वयं ही प्रयास कर स्कूल पहुंच जाती है। कहती है कि अफसर बनने के लिए पैर नहीं दिमाग और लगन होना ज्यादा जरूरी है। अपने हाथों से अपना नसीब लिखूंगी और एक दिन जरूर सफल होंगी।

रोजाना दो किमी का सफर व्हीलचेयर से करती है तय


जुन्नारदेव विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत नजरपुर के मवासी ढाना निवासी अनामिका पिता राकेश यादव का हौसला गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है। वह शासकीय माध्यमिक शाला नजरपुर में कक्षा सातवीं की छात्रा है। स्थानीय दिनेश नवैत बताते हंै कि छात्रा की स्थिति तथा उसके हौसले को देख आश्चर्य होता है।
दो छोटे भाइयों के बीच वह एक बहन है। व्हीचचेयर से स्कूल जाते से समय कोई न कोई उसकी मदद कर देता है। हालांकि ज्यादातर समय उसके भाई साथ होते हैं। गांव के सचिव शिवराम यादव ने बताया अनामिका के पिता वाहन चालक हैं। किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करते हैं। शासन की ‘बेटी बचाव-बेटी पढ़ाओ’ योजना का भी उसे उचित लाभ नहीं मिल रहा है। व्हीलचेयर की हालत भी काफी जर्जर हो चुकी है। कई बार प्रशासन से ट्राइसिकल की मांग के लिए आवेदन किया, लेकिन आज तक लाभ नहीं मिला है।

जिम्मेदार भी नहीं देते ध्यान


बताया जाता है कि अनामिका जहां रहती है, वहां से स्कूल पहुंचने के दौरान रास्ते में एक बड़ा नाला भी पड़ता है। इसके कारण छात्रा को गांव के बाहर से घूमकर आना पड़ता है। इस वजह से कुछ दूरी का रास्ता दो किमी लम्बा हो जाता है। पंचायत के जनप्रतिनिधि भी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

कच्चा है रास्ता


नजरपुर अंतर्गत मवासी ढाना से लेकर स्कूल तक का पहुंच मार्ग कच्चा है। बारिश के समय यहां से आना-जाना लोगों के लिए कठिन होता है। एेसे में दिव्यांग बेटी के लिए स्कूल पहुंचना प्रतिदिन किसी चुनौती से कम नहीं होता है।

भेजा जाएगा प्रस्ताव


इधर सरपंच शनिलाल ठाकुर का कहना है कि छात्रा की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे तथा ट्राइसिकल के लिए प्रस्ताव बनाकर प्रशासन को भेजा जाएगा।

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