दरअसल सप्ताह में प्रति बुधवार को ‘रोशनी स्वास्थ्य क्लीनिक शिविर’ का आयोजन किया जाता है। जहां निसंतान दम्पत्तियों के साथ-साथ महिलाओं से सम्बंधित समस्त तरह की जटिल बीमारियों की पहचान, विभिन्न तरह की जांच और शासकीय स्तर स उपचार की व्यवस्था बनाई जाती है।
‘रोशनी क्लीनिक’ में पहुंचने वाले मरीजों की विभिन्न जांचों के लिए एक निजी संस्था से अनुबंध भी किया गया, लेकिन पैसों का पिछले चार महीने से भुगतान नहीं करने से संस्था ने जांच और रिपोर्ट देना बंद कर दिया। जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्र या दूरदराज से आने वाली महिलाओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बताया जाता है कि वर्तमान में ग्रामीण स्तर पर महिला स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे है। जहां गंभीर रोगों से ग्रसित महिलाओं को उपचार के लिए रोशनी क्लीनिक रैफर किया जाता है। यह जांचें जो नहीं हो रही है –
रोशनी क्लीनिक में थाइराइड प्रोफाइल, सीरम प्रोक्टीम, लिपीड प्रोफाइल, एचएसजी (यह जांच 2500 रुपए में होती है) टॉर्च, पेपस्मेयर, सीए-125, बॉयोप्सी समेत अन्य शामिल है। यह जांचे हो रही है –
एचआइवी, डीडीआरएल, ब्लड ग्रुप, एचबी प्रतिशत, सोनोग्राफी (हो रही, लेकिन एक-एक माह की दी जा रही तारीख) शामिल है।
एचआइवी, डीडीआरएल, ब्लड ग्रुप, एचबी प्रतिशत, सोनोग्राफी (हो रही, लेकिन एक-एक माह की दी जा रही तारीख) शामिल है।
– कई बार लिखा गया डिमांड लेटर
बजट नहीं होने की वजह से उक्त स्थिति निर्मित हुई है। कई बार शासन को डिमांड लेटर लिखा गया, लेकिन अब तक बजट नहीं मिला है। बजट मिलते ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
बजट नहीं होने की वजह से उक्त स्थिति निर्मित हुई है। कई बार शासन को डिमांड लेटर लिखा गया, लेकिन अब तक बजट नहीं मिला है। बजट मिलते ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
– शैलेंद्र सोमकुंवर, डीपीएम छिंदवाड़ा