छिंदवाड़ाPublished: Jan 19, 2018 05:27:41 pm
sanjay daldale
प्रदेश में इसी महीने २४ तारीख से एक हजार थाना क्षेत्रों में महिला बाल विकास विभाग और गृह विभाग मिलकर नया अभियान शुरू कर रहा है। समान सुरक्षा और सम्मान
The program will be on the initiative of Womens Child Development and
छिंदवाड़ा. प्रदेश में इसी महीने २४ तारीख से एक हजार थाना क्षेत्रों में महिला बाल विकास विभाग और गृह विभाग मिलकर नया अभियान शुरू कर रहा है। समान सुरक्षा और सम्मान नाम से शुरू होने वाले इस अभियान में महिलाओं और बच्चों का सम्मान किया जाएगा। इसमें क्षेत्र के नागरिकों के साथ मिलकर होने वाले इस आयोजन में क्षेत्र के लोगोंं को भी शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के प्रति समानता का भाव लोगों में बढ़े। साथ ही पुलिस के साथ भी महिलाएं और बच्चे संवाद कायम कर सके जिससे उनका भय भी दूर होगा। महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने यह बात छिदंवाड़ा में कही।
गुरुवार को निजी दौरे पर आई कैबिनेट मंत्री ने एक अनौपचारिक चर्चा में कहा कि नैतिक तौर पर समाज में महिलाओं और बच्चों के प्रति लोग और संवेदनशील बनें, उनके प्रति सम्मान का भाव बढ़े और बच्चे तथा महिलाएं भी पुलिस के सामने अपनी बात रख सकें, अभियान का यह उद्देश्य है।
कैबिनेट मंत्री चिटनिस ने सर्किट हाउस में मॉडल न्यूट्रीशियन कॉर्नर का शुभारंभ करते हुए वहां मुनगा, आंवला, इमली, अनार के पौधे रोपे। उन्होंने कहा कि सुबह अधिकारियों से चर्चा के बाद अचानक इसकी रूपरेखा बनी। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में अधिकारियों और कर्मचारियों से इस कार्नर पर लगे फलदार पौधों की देख-रेख करने के निर्देश भी उन्होंने दिए। यहां उपस्थित एसपी गौरव तिवारी, एसडीएम राजेश साही, महिला सशक्तिकरण अधिकारी मोनिका बिसेन, डीपीओ एमएल मेहरा ने भी पौधे रोपे। मंत्री ने कहा कि वे अगले महीने फिर यहां आएंगी और देखंेगी कि इनकी देखभाल कैसे की जा रही है। उन्होंने पंचवटी से पोषण योजना में जिले में लगाए फलदार पौधों के बारे में भी जानकारी ली।
अधिकारियों ने बताया कि जिले में १३ हजार पौधे रोपे गए हैं। विभागीय मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि अगले एक साल में जिले में कम से कम ७० हजार पौधे और लगाए जाने चाहिए। इसकी योजना बनाकर क्रियान्वित किया जाए।
पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी
पोषण के प्रति गांव ही नहीं शहरी समाज में भी सोच को बदलनी होगी। लोग ९० रुपए लीटर की शराब पी रहे हैं, लेकिन ४० रुपए लीटर का दूध नहीं खरीदते जो फायदेमंद है। शहरों में पढ़े लिखे समझदार और समृद्ध व्यक्ति भी उचित चीजों का सेवन नहीं कर रहे। हमारे विभाग की कोशिश है कि पोषण के प्रति गांव और शहरों में लोग जागरूक हो। उन्होंने खेती और बागवानी को भी पोषण से जोडऩे की बात करते हुए कहा कि हमें जो खाना है हम वही उगाए। जो हमारे शरीर के लिए पौष्टिक हो हम उसी का उत्पादन करें। इसी सोच को लेकर हमने पंचवटी से पोषण योजना चलाई है। हमें सिर्फ आंगनबाड़ी केंद्रों और सरकारी विभाग की जगहों पर ही नहीं घर-घर में यह सोच विकसित करनी पड़ेगी।
पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी
पोषण के प्रति गांव ही नहीं शहरी समाज में भी सोच को बदलनी होगी। लोग ९० रुपए लीटर की शराब पी रहे हैं, लेकिन ४० रुपए लीटर का दूध नहीं खरीदते जो फायदेमंद है। शहरों में पढ़े लिखे समझदार और समृद्ध व्यक्ति भी उचित चीजों का सेवन नहीं कर रहे। हमारे विभाग की कोशिश है कि पोषण के प्रति गांव और शहरों में लोग जागरूक हो। उन्होंने खेती और बागवानी को भी पोषण से जोडऩे की बात करते हुए कहा कि हमें जो खाना है हम वही उगाए। जो हमारे शरीर के लिए पौष्टिक हो हम उसी का उत्पादन करें। इसी सोच को लेकर हमने पंचवटी से पोषण योजना चलाई है। हमें सिर्फ आंगनबाड़ी केंद्रों और सरकारी विभाग की जगहों पर ही नहीं घर-घर में यह सोच विकसित करनी पड़ेगी।