स्थापना के इंतजार में खंडित हो गई आदिवासी योद्धा की प्रतिमा
आदिवासी बहुल इलाके में ही योद्धा बिरसा मुंडा की प्रतिमा उपेक्षित है। ग्राम पंचायत भवन सातनूर के सामने बिरसा मुंडा की प्रतिमा चार साल से प्लास्टिक की पन्नी से ढंकी है। इसकी किसी ने सुध नहीं ली है। इसे पैडस्टल पर लगा कर अनावरण किया जाना था। पर आज तक इसकी स्थापना नहीं हुई । मौसम की मार से प्रतिमा खंडित हो चुकी है।
छिंदवाड़ा
Published: March 05, 2022 09:35:38 pm
छिन्दवाड़ा/ पारडसिंगा. आदिवासी बहुल इलाके में ही योद्धा बिरसा मुंडा की प्रतिमा उपेक्षित है। ग्राम पंचायत भवन सातनूर के सामने बिरसा मुंडा की प्रतिमा चार साल से प्लास्टिक की पन्नी से ढंकी है। इसकी किसी ने सुध नहीं ली है। इसे पैडस्टल पर लगा कर अनावरण किया जाना था। पर आज तक इसकी स्थापना नहीं हुई । मौसम की मार से प्रतिमा खंडित हो चुकी है। इसके हाथ का आदिवासी हथियार टूट चुका है। मूर्ति के लिए ग्राम पंचायत सातनुर द्वारा सीमेंटेड चबूतरा बनाया गया था । मौसम की मार से चबूतरा भी टूटने लगा है। कई बार ग्रामीण प्रतिमा निर्माण की मांग कर चुके हैं। अब फिर से प्रतिमा की सुध लेने की मांग की गई है। इधर अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी के युवा ब्लॉक इकाई ने छह सूत्री मांगों को लेकर प्रशासन को 7 मार्च से तीन शेर चौक में अनशन की चेतावनी दी है। तहसीलदार, पुलिस एसडीओपी को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि वर्ष 2014 से आदिवासी समाज भवन के लिए जमीन की मांग की जा रही है। रेलवे स्टेशन रोड पर भूमि आवंटन को लेकर कार्यवाही की जा रही थी ,लेकिन इस दौरान जमीन सरकारी आवास के लिए आवंटित कर दी गई। इसी तरह तार बाजार की भूमि को भी आवंंटित होने से रोका गया। इन दोनों स्थानों में से किसी एक स्थान पर जमीन देने, पेयजल समस्या के निदान के लिए कामठीकलां जलाशय निर्माण ,नजूल की जमीन आवास के लिए प्राप्त कर व्यवसाय करने वालों की लीज समाप्त करने और यह जमीन बेरोजगार युवकों को आवंटित करने की मांग की। नजूल जमीन से अतिक्रमण हटाने, सभी प्रकार के व्यवसायों की जांच कर नजूल जमीन को मुक्त कराने की मांग की है।

The statue of a tribal warrior was ruined waiting for installation
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