छिंदवाड़ा

मानव अधिकार आयोग के आदेश के बाद भी पीडि़त परिजन नहीं मिला मुआवजा

नाबालिग से दुष्कर्म व हत्या के मामले में मानव अधिकार आयोग के आदेश के एक साल बाद भी प्रशासन ने मृतका के परिजन को पांच लाख का मुआवजा नहीं दिया है। भारतीय गोंडवाना पार्टी के कृष्णकुमार बरडे ने मृतका के परिवार को न्याय दिलाने के लिए मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया।

छिंदवाड़ाMar 03, 2021 / 11:11 pm

Sanjay Kumar Dandale

छिंदवाड़ा/ पांढुर्ना. नाबालिग से दुष्कर्म व हत्या के मामले में मानव अधिकार आयोग के आदेश के एक साल बाद भी प्रशासन ने मृतका के परिजन को पांच लाख का मुआवजा नहीं दिया है। भारतीय गोंडवाना पार्टी के कृष्णकुमार बरडे ने मृतका के परिवार को न्याय दिलाने के लिए मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया। आयोग ने जिला प्रशासन को तलब किया था। हाल ही में आयोग ने लिखित सूचना देकर बताया कि आरोपी के विरूद्ध पहले हत्या का अपराध दर्ज किया गया था। जांच के दौरान अब पोस्को एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 26 जनवरी को हुए घटनाक्रम में लावाघोगरी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पाठई की नाबालिग की हत्या का प्रकरण दर्ज किया था। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि मृतका के परिवार ने बलात्कार और पोस्को एक्ट भी दर्ज करने की मांग की थी। भारतीय गोंडवाना पार्टी ने परिजनों के साथ न्याय के लिए संघर्ष किया। इस पर पुलिस अधीक्षक ने 2 फरवरी को मृतका के शव को फि र से बाहर निकलवा कर भोपाल की फ ॉरेंसिक लैब में उसका पोस्टमार्टम कराया था। भारतीय गोंडवाना पार्टी के कृष्णकुमार बरडे ने मृतका के परिवार को न्याय दिलाने के लिए मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया। जिसने जिला प्रशासन को तलब किया था। पुलिस ने जांच के दौरान माना कि आरोपी नाबालिग को घर से उठाकर ले गया था। उसके साथ बलात्कार कर साक्ष्य को नष्ट किया गया था।
मानव अधिकार आयोग के आदेश पर शासन ने पीडि़ता के परिवार को पांच लाख रुपए देने की स्वीकृति दी थी, लेकिन परिवार को आज तक य़ह राशि नहीं मिली है। प्रशासन के रवैये की भागोंपा ने कड़ी निंदा करते हुए शीघ्र राशि जारी करने की मांग की है ।
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