इसके साथ ही गांव में मिलने वाले किराए के भवनों में आवश्यक सुविधाएं भी मौजूद नहीं होती हैं। इस वजह से कई दिक्कतों को सामना स्वास्थ्य कर्मियों को करना पड़ता है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार उप स्वास्थ्य केंद्र निर्माण के लिए शासन ने प्रशासकीय स्वीकृति दी है। सभी प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। जिसके फाइनल होते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे।
फैक्ट फाइल – विकासखंड उप स्वास्थ्य केंद्र की संख्या 1. अमरवाड़ा 08 2. बिछुआ 03 3. चौरई 08 4. हर्रई 10 5. जुन्नारदेव 08 6. मोहखेड़ 06
7. पांढुर्ना 02 8. परासिया 05 9. तामिया 08 10. पिंडरई कला 07 रोगों से बचने डॉक्टर्स ने लगवाएं इंजेक्शन
जिला अस्पताल में चलाए जा रहे कायाकल्प अभियान के तहत सोमवार को डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को हेपेटाइटिश बी के इंजेक्शन लगाए गए। आरएमओ डॉ. सुशील दुबे ने बताया कि हेपेटाइटिश बी के तीन टीके लगाए जाते हैं, इसमें पहला टीका लगने के एक महीने बाद दूसरा तथा तीसरा व अंतिम टीका छह महीने बाद लगाना अनिवार्य है। इसके बाद ही संपूर्ण टीकाकरण माना जाता है।
जिला अस्पताल में चलाए जा रहे कायाकल्प अभियान के तहत सोमवार को डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को हेपेटाइटिश बी के इंजेक्शन लगाए गए। आरएमओ डॉ. सुशील दुबे ने बताया कि हेपेटाइटिश बी के तीन टीके लगाए जाते हैं, इसमें पहला टीका लगने के एक महीने बाद दूसरा तथा तीसरा व अंतिम टीका छह महीने बाद लगाना अनिवार्य है। इसके बाद ही संपूर्ण टीकाकरण माना जाता है।
डॉक्टर्स तथा स्वास्थ्य कर्मियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शासन ने यह कार्यक्रम आयोजित किया है। इस अवसर पर डॉ. सुधीर शुक्ला, डॉ. संजय राय, डॉ. हितेश रामटेके, डॉ. दिनेश ठाकुर, डॉ. रवि टांडेकर समेत स्टाफ नर्स व एएनएम आदि मौजूद थे।