फसलों को पानी नहीं मिलने से फसलें प्रभावित हुई और ठीक से उत्पादन नहीं हो पाया है।
छिंदवाड़ा•Nov 15, 2018 / 05:32 pm•
arun garhewal
यहां ठंड में गिर रहा जलस्तर
छिंदवाड़ा. सौंसर. क्षेत्र में इन दिनों नदिया सूखने लगी है इससे जलस्तर नीचे गिरते जा रहा है। देखा जा रहा है कि क्षेत्र की कन्हान , जाम और सर्पा नदी पूरी तरह से सूखी नजर आ रही है। जिससे किसान चिंता में हैं। किसानों का कहना है कि बीते बारिश के मौसम में ठीक से बारिश नहीं हुई, और न ही नदी, नालों में बाढ़ जैसी स्थिति देखने को मिली। जिससे फसलों को पानी नहीं मिलने से फसलें प्रभावित हुई और ठीक से उत्पादन नहीं हो पाया है। जिसका परिणाम यह है कि फसलों को उचित दाम नहीं मिल रहा है। क्षेत्र में कपास, तुवर, सोयाबीन, मक्का, ज्वार, मूंग, उड़द, बरबटी आदि फसले अपने पूर्णत: 100 प्रतिशत भरी पूरी मात्रा में नहीं होने के कारण क्वालिटी और कमजोर स्थिति में होने की वजह से सभी फसलों को बाजार में भाव नहीं मिल पाया है। जिसकी वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है। जिससे किसानों का आर्थिक बजट बिगडऩे लगा है, किसानों की मेहनत पर पूरी तरह से पानी फिरते नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि ग्रीष्मकालीन समय में नदिया, नाले सूखने की कगार पर होते थे, परंतु अब वर्तमान समय में ही नदी, नाले सूखे दिख रहे हैं। माह सितंबर, अक्टूबर, नवंबर में ही क्षेत्र के नाले नदियां सूख रही है। गिरते जलस्तर एवं सूख रही नदियों के कारण आने वाला समय जलसंकट की समस्या से भरा होगा। पानी नहीं मिलने से आगामी समय में फसलें प्रभावित होती रहेगी। ऐसी पूरी संभावना दिखाई दे रही है।
वन्यप्राणी भी पानी की तलाश में : जलसंकट और पेयजल समस्या के चलते और समय पर बारिश नहीं होने के कारण वन्यप्राणी भी जंगल छोड़ नगर से लगे सीमावर्ती खेतों की ओर आने लगे हैं। वन्यप्राणियों को भी पानी नहीं मिलने की वजह से पानी की तलाश में भटकते भटकते खेतों के आसपास जंगली जानवर नजर आने लगे हैं।
हैंडपंप भी दम तोड़ रहे हैं : पेयजल संकट के कारण नगर और ग्रामीण अंचल के हैंडपंप भी दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। हैंडपंप से भी पानी नहीं निकल पा रहा है। दूर-दूर से अंचल के ग्रामीणों को पानी के लिए यहां वहां भटकते देखा जा रहा है। जलसंकट एक गंभीर समस्या के रूप में दिखाई दे रहा है।
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