आज के इस आधुनिक दौर में भी आदिवासी विधानसभा जुन्नारदेव के कई ग्राम ऐसे है जहां पर ग्रामवासी मूलभूत सुविधाओं को तरसते नजर आ रहे है।
छिंदवाड़ा•Aug 02, 2020 / 06:18 pm•
Sanjay Kumar Dandale
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छिंदवाड़ा/खैरवानी/हनोतिया. आज के इस आधुनिक दौर में भी आदिवासी विधानसभा जुन्नारदेव के कई ग्राम ऐसे है जहां पर ग्रामवासी मूलभूत सुविधाओं को तरसते नजर आ रहे है।
शासन प्रशासन के बड़े-बड़े दावों और वादों की पोल तब खुलती नजर आती है जब कहीं दूर गांव के सैकड़ों ग्रामीण सडक़ के लिए आवाज उठाते नजर आ रहे है । कहीं रोजगार के साधनों का आकाल पड़ा हुआ है तो कहीं बारिश के कारण नदी में पानी और बाढ़ के चलते पूरा की पूरा ग्राम घरों में सिमट कर बैठ गया है।
ऐसा ही मामला है जुन्नारदेव विकासखंड के ग्राम पंचायत बिचबेहरी के झालमउ से लगभग किमी दूर स्थित ग्राम पिल्हावाड़ी, सिवनीघाट, केनेनार, कुकरपानी, बातरे, धन्नौर, भूला, धाधना, टेमरू, बरूण, पोटईआम सहित अन्य गावों का। जहां पर बारिश के चार महीने रैनीढोह, कान्हीघाट, पाठौ नदी के उफान पर रहने के कारण लगभग आधा दर्जन से अधिक ग्राम प्रभावित होते है। इन ग्रामीणों को इस दौरान न तो स्वास्थ्य सेवाएं मिल पाती
है और न ही प्रशासनिक सुविधाएं ऐसे में ये अपना गुजर बसर एक दूसरे के आसरे ही करते है।
जानकारी के अनुसार बारिश के चार माह में इन तीनों नदियों में पानी भरा रहने के कारण युवा तो जैसे-तैसे नदी पार कर अपनी जान जोखिम में डालते हुए नगर मुख्यालय तक काम और रोजगार के लिए पहुंच जाते है किन्तु इस दौरान महिलाएं, बच्चे, बजुर्ग, बीमार सहित अन्य लोग गांव में सिमट कर जाते है। इन गांवों के ग्रामीणों द्वारा शासन प्रशासन से इन नदियों पर पुल बनाए जाने की मांग की है किन्तु आज तक ग्रामीणों की इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। वहीं कुछ ग्रामीणों का कहना है कि कई वर्षों से ऐसा ही चला आ रहा है इसकी सुध कोई नहीं ले रहा है।
इन आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने नदी पर पुल बनाने की मांग उठाई है जिसमें सर्पसिंग राजभोपा, बादल, उदल, राधे, महादेव, जागीलाल, सरपंच छुगान, मन्नू, भगलसिंग, बुद्धु, छुमरलाल, मदनलाल, भगलू, सेन्दीलाल, शेरसिंग, सन्तू, चैतराम, भंगीलाल, बारलाल, अतरोबाई, इमरतिया, कस्तूरिया, अनिता ढीकू, अनिता भोपा, भागवती, हरेसिंग, तेजीलाल सहित अन्य ग्रामीण शामिल है।