scriptWoman: महिला ने कबाड़ में तलाशा बड़ा जुगाड़ क्या है, वो जानने के लिए पढ़ें यह खबर | The woman found the big jugaad in the junk, read this news to know tha | Patrika News

Woman: महिला ने कबाड़ में तलाशा बड़ा जुगाड़ क्या है, वो जानने के लिए पढ़ें यह खबर

locationछिंदवाड़ाPublished: Jun 19, 2021 06:54:30 pm

Submitted by:

babanrao pathe

इत्तेफाक से मिले इस समय का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया। कबाड़ में ऐसा जुगाड़ तलाशा जिससे आज सपनों के घर का कोना-कोना चमक रहा है।

Woman: महिला ने कबाड़ में तलाशा बड़ा जुगाड़ क्या है, वो जानने के लिए पढ़ें यह खबर

महिला ने कबाड़ में तलाशा बड़ा जुगाड़ क्या है, वो जानने के लिए पढ़ें यह खबर

छिंदवाड़ा. निजी स्कूल में शिक्षिका रहते हुए हुई एक दुर्घटना के कारण महिला घर से नहीं निकल पाई। कोरोना संक्रमण की वजह से लॉकडाउन भी लग गया। ऐसे में न चाहते हुए भी घर में ही कैद रहना पड़ा। इत्तेफाक से मिले इस समय का बेहतरीन इस्तेमाल किया गया। कबाड़ में ऐसा जुगाड़ तलाशा जिससे आज सपनों के घर का कोना-कोना चमक रहा है।

छिंदवाड़ा निवासी कविता भार्गव इन दिनों कबाड़ से पेंटिंग और अन्य सजावट की सामग्री तैयार कर रही है। सामग्री भी ऐसी जिसे देखते ही खरीदने का दिल करे। शादी के कार्ड से बनाए गए गुलाब के फूल, पानी की बोतल के ढक्कन से कलाकृति, कांच की बोतल पर पेंटिंग, कांच या प्लॉस्टिक की बोतल पर पुरानी लेस द्वारा की गई सजावट, घर में प्लॉस्टिक के डिब्बों पर की गई वरली पेंटिंग, पुराने दियों (मिट्टी के दीपक) को कलर करके बनाया गया झूमर, मेक्रम के धागों और जूट के बैग पर पेंटिंग, कलर किए गए चावलों की कलाकृति, तेल की बोतल पर भगवान गणेश, चित्रकारी कर बनाई गई मधुबनी चित्रकारी जिसे मिथिला की कला भी कहते हैं। इसकी विशेषता चटकीले और विषम रंगों से भरे गए रेखा-चित्र अथवा आकृतियां है। इसमें खाली स्थानों को भरने के लिए फूल-पत्तियों, पशु और पक्षियों के चित्रों, ज्यामितीय डिजाइनों का प्रयोग किया जाता है। कविता ने घर में रखी पुरानी अनुपयोगी सामग्रियों से खाली समय में इतनी सजावट की नई वस्तुएं बनाकर घर को कम खर्च में साज सज्जा से सुंदर बना लिया।

बचपन से रहा है शौक
कविता भार्गव ने बताया कि उनकी बड़ी बहन को भी यह सबुकछ करते हुए देखा था जिसके चलते उनके मन और दिल में भी इस तरह का शौका जगा। स्कूली शिक्षा के दौरान भी वह कुछ न कुछ बनाया करती थीं। शिक्षिका रहते हुए समय के अभाव में यह संभव नहीं हो पा रहा था, लेकिन जैसे ही समय मिला उसका सदउपयोग उन्होंने कुछ इस तरह से किया है। कविता ने बी.ए, हिंदी और संस्कृत में एम.ए के अलावा एल.एल.बी, बीएड, डीएड, कंप्यूटर में पीजीडीसीए भी किया है।

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