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गुरु के वचन मन में फैले अंधकार को करते हैं नष्ट

locationछिंदवाड़ाPublished: Jul 17, 2019 11:43:20 pm

Submitted by:

arun garhewal

वहीं अभिषेक एवं पूजन अर्चना का दौर शुरू हो गया। इस दौरान जगह-जगह भंडारा भी हुआ।

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गुरु के वचन मन में फैले अंधकार को करते हैं नष्ट

छिंदवाड़ा. पांढुर्ना. आषाढ़ शुक्ल की पूर्णिमा को श्रद्धालुओं ने गुरु पूर्णिमा के के रूप में मनाई। जिले में कई जगहों पर विभिन्न धार्मिक आयोजन किए गए। वहीं शिष्यों पने अपने गुरु की चरण वंदना की। सुबह से मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुट गई। वहीं अभिषेक एवं पूजन अर्चना का दौर शुरू हो गया। इस दौरान जगह-जगह भंडारा भी हुआ।
गुरु हमें मानव जीवन में पवित्रता और जीवन में वास्तविकता का बोध करवाता है। गुरु अपने ज्ञान की दिव्यता से शिष्य को सुसज्जित करता है। जैसे सूर्योंदय होने के उपरांत अंधेरा दूर हो जाता है। ऐसे ही गुरु के वचन मन में फैले अंधकार को नष्ट कर देते है। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा कर के हम सभी साक्षात् परब्रम्ह का ही पूजन करते है। उक्त आशय के विचार संत बलजीतसिंह महाराज न िविश्व मानव रूहानी केन्द्र के कृषि उपज मंडी में आयोजित सत्संग कार्यक्रम में वीडियो के माध्यम व्यक्त किए। इस मौके पर सत्संग सुनने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे थे। गुरुपूर्णिमा के अवसर पर गुरु की महिमा का महत्व सत्संग में समझाया गया। भक्तों ने गुरु पूर्णिमा पर नामदान की दी ली। इस सत्संग कार्यकम का समापन प्रसाद बांटकर किया गया।
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ में भक्तिमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर सैकड़ों भक्तों ने गायत्री मंदिर में पहुंचकर गायत्री माता और गुरूदेव नमन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर भजन का आयोजन हुआ जिसमें गायत्री शक्तिपीठ हरिद्वार के संगीत दल ने भजन सुनाएं। सैकड़ों भक्तों ने हवन पूजन किया। 24 कुंडीय गायत्री यज्ञ में आहुतियां डालकर सतमार्ग पर चलने का आशीर्वाद मांगा।

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